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सचिन तेंडुलकर से भी ज्यादा किस इंडियन से डरते थे मुरलीधरन?

लारा का भी ख़ौफ था.

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Muralitharan- (ICC Twitter)
मुथैया मुरलीधरन. विश्व क्रिकेट के महान गेंदबाजों में से एक. इंटरनेशनल क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज. अपने करियर के दौरान मुरलीधरन ने बड़े से बड़े बल्लेबाजों को फिरकी के जाल में फंसाया. बल्लेबाजों में मुरलीधरन के नाम का खौफ़ था. क्योंकि वे जानते थे कि इन्हें बल्लेबाजों को चकमा देना आता है. लेकिन विश्व क्रिकेट में दो बल्लेबाज ऐसे हुए. जिनसे मुरली भी खौफ़ खाते थे. मुरली ने खुद बताया कि उन्हें विरेंदर सहवाग और ब्रायन लारा को बोलिंग करने में समस्या होती थी. क्रिकइंफो के एक स्पेशल शो में मुरलीधरन ने कहा,
'कुछ बल्लेबाजों ने सच में मुझे बहुत परेशान किया क्योंकि वे कभी-कभी अच्छे मूड में होते थे. उनका दिन होता था. सब कुछ उनके लिए सही जाता था. और हमारी सारी कोशिशें नाकाम होती थी. कई बल्लेबाजों ने हमारे खिलाफ शतक, दोहरे शतक बनाए. सिर्फ सहवाग ही तिहरे शतक के करीब पहुंचे. सहवाग और लारा के सामने गेंदबाजी करना बहुत मुश्किल था.'
सहवाग के बेखौफ़ अंदाज के बारे में मुरली ने आगे कहा,
'सहवाग इतने खतरनाक थे कि उनके लिए डीप में फील्डर्स तैनात करते थे. इस बात का अंदाजा पहले से ही था कि वो बाउंड्री के लिए जाएंगे. सहवाग जानते थे कि वो अपने दिन पर किसी भी गेंदबाज की धज्जियां उड़ा सकते हैं. इसलिए हम लोग डिफेंसिव फील्ड सेट करते थे और वीरू के गलती करने का इंतजार करते थे. लेकिन सहवाग ये मन बनाकर आते थे कि अगर वो दो घंटे दिन का खेल गए. तो 150 रन बनाना है या फिर पूरा दिन खेल गए तो 300 रन. इस तरह का एटिट्यूड उनके पास था. और ऐसे खिलाड़ी हमारे लिए सबसे बड़ा खतरा थे.
इसके अलावा मुरलीधरन ने ब्रायन लारा के बारे में भी बड़ी बात कही. मुरली ने बताया कि कैसे 2001 के श्रीलंकाई दौरे पर ब्रायन लारा ने उनकी पिटाई की थी. उस दौरे पर श्रीलंका ने विंडीज का 3-0 से सफाया किया था. चामिंडा वास ने 26 तो मुरलीधरन ने 24 विकेट अपने नाम किये थे. लेकिन ब्रायन लारा को आउट करने में मुरली के पसीने छूट गए थे. तीन टेस्ट मैचों की छह पारियों में मुरली सिर्फ दो बार लारा को आउट कर सके थे. इस दौरान लारा ने तीन शतक और एक अर्धशतक की मदद से कुल 688 रन बनाए. जिसमें एक दोहरा शतक भी शामिल था. मुथैया मुरलीधरन ने लारा के बारे में बात करते हुए कहा,
'उस सीरीज में विंडीज के सभी बल्लेबाजों को मैं बेहद आसानी से आउट कर पा रहा था. चामिंडा वास भी अपनी रिवर्स स्विंग गेंदबाजी से विकेट चटका रहे थे. बावजूद इसके ब्रायन लारा को आउट करना मुश्किल था. हमने लारा को आउट करने के लिए कई ट्रिक अपनाई. लेकिन हमारी कोई भी चाल कामयाब नहीं हुई.'
बातचीत के दौरान जब सचिन तेंदुलकर के बारे में पूछा गया. तो मुरली ने कहा कि सचिन को आउट करना मुश्किल था. क्योंकि वो 'दूसरा' आसानी से पढ़ लेते थे. साथ ही सचिन को अपने विकेट की अहमियत पता थी. इसलिए वो सहवाग और लारा की तरह दबदबा बनाने की कोशिश नहीं करते थे. सचिन गेंद को अच्छी तरह से पढ़ते थे. हालांकि, मुरली ने सचिन की कमजोरियां भी उजागर कीं. मुरली के मुताबिक, सचिन ऑफ स्पिन के बढ़िया बल्लेबाज नहीं थे. मुरली ने कहा,
'मुझे लगता है कि सचिन को ऑफ स्पिन को पढ़ने में थोड़ी परेशानी होती थी. लेग स्पिन पर तो वो आसानी से रन बनाते थे. लेकिन ऑफ स्पिन के खिलाफ सचिन थोड़े असहज थे. क्योंकि मैंने उन्हें कई बार आउट किया है. और कई ऑफ स्पिनरों को भी मैंने सचिन को आउट करते हुए भी देखा है. हालांकि मैंने कभी सचिन से उनकी इस कमजोरी के बारे में बात नहीं की क्योंकि वह लेजेंड हैं.'
बताते चलें कि मुरली टेस्ट क्रिकेट में 800 विकेट लेने वाले पहले और इकलौते गेंदबाज हैं. जबकि वनडे में मुरली के नाम सबसे ज्यादा 534 विकेट दर्ज हैं.

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