The Lallantop

आवारा कुत्तों पर RSS प्रमुख मोहन भागवत ने दी राय, पशु चिकित्सा विज्ञान में स्नातक हैं

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों को पकड़ने के आदेश पर अंतरिम रोक की मांग पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है.

Advertisement
post-main-image
11 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने सभी आवारा कुत्तों को पकड़ने का आदेश दिया था. (Photo- India Today)

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने आवारा कुत्तों से जुड़े सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बयान दिया है. उन्होंने कहा कि सभी जीवों को जीने का अधिकार है और दिल्ली में आवारा कुत्तों की समस्या का हल केवल उनकी संख्या को नियंत्रित करने से ही संभव है, न कि उन्हें शेल्टर होम में बंद करके.

Advertisement

पशु चिकित्सा विज्ञान में स्नातक मोहन भागवत दिल्ली-एनसीआर में सड़कों से आवारा कुत्तों को स्थाई रूप से डॉग शेल्टर में भेजने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मचे विवाद पर बोल रहे थे. उन्होंने कहा,

“यह समस्या सिर्फ सड़कों पर कुत्तों की आबादी को नियंत्रित करके हल हो सकती है. लेकिन उन्हें शेल्टर में डालकर इसे सुलझाया नहीं जा सकता.”

Advertisement

उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि जब भारतीय गाय का दूध निकालते हैं, तो थोड़ा दूध अपने लिए लेते हैं और बाकी बछड़े के लिए छोड़ देते हैं. उन्होंने कहा,

“यह इंसान और प्रकृति के बीच संतुलन बनाने की कला है. विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन बनाकर ही प्रकृति का संरक्षण होना चाहिए.”

कुत्तों पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त को दिल्ली एनसीआर के सभी आवारा कुत्तों को पकड़ने का आदेश दिया था. इस फैसले को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत में याचिकाएं दायर की गई थीं. 14 अगस्त को इन याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.

Advertisement

प्रोजेक्ट काइंडनेस नामक एक गैर-सरकारी संगठन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल पेश हुए. उन्होंने 11 अगस्त के आदेश पर रोक लगाने की मांग की, लेकिन जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एनवी अंजारिया की बेंच ने नगर निगम अधिकारियों को जारी निर्देश पर फिलहाल रोक नहीं लगाई है.

वीडियो: सुप्रीम कोर्ट में आवारा कुत्तों पर क्या सुनवाई हुई? कपिल सिब्बल ने क्या दलील दी?

Advertisement