धोनी सेहत के लिए, तू तो हानिकारक है. जी हां, महेंद्र सिंह धोनी का मैच देखने स्टेडियम जाएं तो ये गाना जरूर याद कर लें. क्योंकि स्टेडियम में बैठकर धोनी को देखना सच में बहुत हानिकारक है. स्टार स्पोर्ट्स ने बाकायदा आंकड़े जारी कर बताया है कि धोनी-धोनी के नारों से उठने वाला शोर, सेहत के लिए बहुत हानिकारक है.
धोनी का ये फ़ैक्ट जान, स्टेडियम में उन्हें देखने नहीं जाएंगे आप!
धोनी सेहत के लिए हानिकारक हैं?
चेन्नई के चेपॉक स्टेडियम में एक वक्त शोर का लेवल 120 डेसिबल तक पहुंच गया था. और ये सेहत के लिए बहुत ही ज्यादा हानिकारक है. रिकॉर्ड्स के लिए बता दें कि फुसफुसाहट का शोर 30 डेसिबल, नॉर्मल बातचीत का 60 डेसिबल और मोटर साइकल के इंजन का शोर 95 डेसिबल तक होता है. और 70 डेसिबल से ज्यादा का शोर लगातार हो, तो आपके सुनने की क्षमता पर असर पड़ सकता है.
जबकि 120 डेसिबल से ऊपर का शोर तुरंत प्रभाव से आपके कान खराब कर सकता है. डॉक्टर्स की मानें तो 80 डेसिबल से ऊपर की आवाज मनुष्य के कानों के लिए बहुत हानिकारक है. और तला के लिए लोगों का प्यार अब तमाम लिमिट्स को पार कर गया है.
और इससे अब ग्राउंड में पहुंचने वाले लोगों को नुकसान भी होता दिख रहा है. चेन्नई के होम ग्राउंड में तो तला का शोर होना लाजिमी ही है, लेकिन लखनऊ और दिल्ली में भी ये शोर 117 डेसिबल तक पहुंच गया था. धोनी के बैटिंग पर आने के वक्त के शोर की बात करें तो यह, 112, 120, 117, 115, 115, 112, 112, 112, 117, 112, 117, 120, 115, 120. रहा है.
धोनी के जलवे की अक्सर ही चर्चा होती रहती है. इस बार में स्टार स्पोर्ट्स पर कॉमेंट्री कर रहे हरभजन सिंह ने कहा था,
'एमएस धोनी जहां भी जाते हैं, उन्हें सपोर्ट मिलता है. क्योंकि फ़ैन्स महेंद्र सिंह धोनी से प्यार करते हैं. इस जेनरेशन ने धोनी द्वारा भाई को नई हाइट्स पर ले जाते देखा है. फ़ैन्स धोनी और CSK को चियर करने आते हैं.'
धोनी के बारे में ऐसी बातें लगातार हो ही रही हैं. और धोनी को भी ये पता है. तभी तो उन्होंने कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ़ मैच के बाद कहा था,
‘मैं सपोर्ट के लिए बस थैंक्यू कहूंगा, काफी ज्यादा संख्या में लोग आए थे. अगली बार इनमें से ज्यादातर लोग KKR की जर्सी में आएंगे. वे मुझे फेयरवेल देने की कोशिश कर रहे हैं, इसलिए क्राउड का बहुत सारा शुक्रिया.’
हालांकि, धोनी ने अभी तक एक बार भी ये नहीं कहा है कि ये उनका आखिरी IPL है. लेकिन लोगों को इससे कहां फ़र्क पड़ता है. लोग तो लगातार ही उन्हें ट्रिब्यूट देने के लिए ग्राउंड भर रहे हैं. दिल्ली में तो कुछ फ़ैन्स ने पीटीआई से कहा भी था कि वह धोनी को आखिरी बार देखने का मौका नहीं छोड़ना चाहते. दिल्ली के खिलाफ़ मैच के दौरान अरुण जेटली स्टेडियम पीली जर्सी वाले लोगों से खचाखच भरा था.
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