The Lallantop

अब किस हाल में है सहवाग के साथ 'बेईमानी' करने वाला श्रीलंकाई ऑफ स्पिनर?

बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में भी दिखा था सूरज रणदीव.

Advertisement
post-main-image
Suraj Randiv ने Dmabulla ODI में Virender Sehwag के सामने जानबूझकर नो बॉल फेंकी थी. (गेटी फाइल)
साल 2010. तारीख 16 अगस्त. श्रीलंका में त्रिकोणीय सीरीज चल रही थी. सीरीज का तीसरा मैच. श्रीलंका ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग का फैसला किया. लेकिन ये फैसला गलत साबित हुआ. श्रीलंका की पूरी टीम 170 रन पर सिमट गई. तिलकरत्ने दिलशान (45 रन) और सूरज रणदीव (43 रन) के अलावा कोई भी लंकाई बल्लेबाज भारतीय गेंदबाजों के आगे नहीं टिक पाया. प्रज्ञान ओझा ने तीन जबकि प्रवीण कुमार, ईशांत शर्मा और रविंद्र जडेजा ने 2-2 विकेट निकाले.

# The Sehwag Show

अब आई भारत की बैटिंग. दिनेश कार्तिक 10 रन बनाकर आउट हो गए. सिर्फ 30 रन पर भारत को पहला झटका लग गया. लेकिन असली समस्या तो इसके बाद हुई. विराट कोहली और रोहित शर्मा बिना खाता खोले वापस लौट गए. 10.4 ओवर में सिर्फ 32 रन पर भारत तीन विकेट खो चुका था. इसके बाद सुरेश रैना आए. रैना ने सहवाग के साथ मिलकर 59 रन की पार्टनरशिप की. 91 के टोटल पर रैना भी लौट गए. लेकिन सहवाग एक एंड से टिके रहे. कट टू 34वां ओवर. सहवाग 94 रन पर खेल रहे थे. एंजेलो मैथ्यूज के ओवर की दूसरी गेंद पर चौका और तीसरी पर सिंगल लेकर सहवाग 99 पर पहुंच गए. भारत को अब जीत के लिए पांच रन चाहिए थे. दूसरे एंड पर धोनी ने ओवर की तीनों गेंदें बिना स्कोर किए निकाल दीं. अब आया 35वां ओवर. सूरज रणदीव के कोटे का आठवां ओवर. सात ओवर में 37 रन दे चुके रणदीव की पहली गेंद बल्लेबाज और कीपर दोनों के पार निकल गई. भारत के स्कोर में बाई के चार रन जुड़ गए. सहवाग क्रीज में खड़े मुस्कुरा रहे थे. कॉमेंटेटर्स ने कहा,
नो बॉल या वाइड?
लेकिन अगली दोनों गेंदें लीगल रहीं. सहवाग ने इन दोनों ही गेंदों को पॉइंट की ओर धकेलकर सिंगल लेना चाहा. लेकिन धोनी ने उन्हें दोनों बार वापस भेज दिया. ओवर की तीन लीगल गेंदों के बाद कॉमेंटेटर्स की बात सच साबित हो गई. ओवर की चौथी गेंद सहवाग ने लॉन्ग ऑफ बाउंड्री के बाहर छक्का जड़ दिया. और इसके साथ ही उन्होंने जश्न में अपनी बांहें फैला दी. लेकिन तभी अंपायर ने इसे नो-बॉल करार दे दिया. # Randiv No Ball नो बॉल भी छोटी नहीं, बहुत बड़ी. रणदीव का अगला पैर तो भूल जाइए, पिछला पैर भी ओवर-स्टेप करने के क़रीब था. यानी भारत मैच जीत गया लेकिन सहवाग की सेंचुरी नहीं हो पाई. सहवाग ने मैच के बाद कहा,
'क्रिकेट में यह होता है. सामने वाली टीम नहीं चाहती कि कोई उनके खिलाफ सेंचुरी स्कोर करे. उन्होंने अपनी ओर से पूरी कोशिश की. मेरे लिए 99 या 100 मायने नहीं रखते. हां मैं छक्का जड़ने की कोशिश में था, लेकिन... चार बाई और फिर नो बॉल.'
इस मैच के बाद श्रीलंका क्रिकेट ने रणदीव पर एक मैच का बैन लगा दिया था. इसके साथ ही सूरज और सीनियर बल्लेबाज तिलकरत्ने दिलशान की मैच फीस भी काट ली गई थी. दरअसल वो दिलशान ही थे जिन्होंने रणदीव को नो बॉल फेंकने को कहा था. बाद में रणदीव और श्रीलंका क्रिकेट ने सहवाग से माफी भी मांगी. इस घटना के लगभग 11 साल बाद ख़बर है कि सूरज रणदीव ऑस्ट्रेलिया में बस ड्राइवर का काम कर रहे हैं. सूरज और उनके दो साथी क्रिकेटर्स मेलबर्न में एक फ्रेंच कंपनी ट्रांसडेव के लिए बस चलाते हैं. टॉप लेवल पर श्रीलंका के लिए क्रिकेट खेल चुके यह तीनों ही आजकल ऑस्ट्रेलिया में क्लब क्रिकेट खेलने के साथ बस ड्राइविंग भी करते हैं. हाल ही में क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने रणदीव को नेट बोलर के रूप में अपने साथ जोड़ा था. वह बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान नेट्स पर बोलिंग करते दिखे थे. साल 2011 के वर्ल्ड कप फाइनल में भारत के खिलाफ खेल चुके रणदीव ने श्रीलंका के लिए 12 टेस्ट, 31 वनडे और सात T20I मैच खेले थे.

Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement