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ऑनलाइन गेमिंग बिल से सिर्फ BCCI नहीं, कोहली, धोनी, रोहित की जेब भी हल्की हो जाएगी!

Online Gaming Bill को लेकर हर जगह‍ सिर्फ यही बात हो रही है कि ड्रीम 11 ने टीम इंडिया की जर्सी स्पॉन्सरश‍िप छोड़ दी है. किन, इस बिल का असर सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं है. इसका असर आगामी IPL में भी दिखेगा.

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कंपनीज़ पर लगे बैन से भारतीय क्रिकेटर्स को हर साल 150-200 करोड़ रुपये का घाटा होने वाला है. (Photo-PTI)

ऑनलाइन गेमिंग बिल (Online Gaming Bill) को लेकर हर जगह‍ सिर्फ यही बात हो रही है कि ड्रीम 11 ने टीम इंडिया की जर्सी स्पॉन्सरश‍िप छोड़ दी है. ये सच है कि एश‍िया कप (Asia Cup 2025) के लिए BCCI को नए स्पॉन्सर की तलाश है. बहुत संभावना है कि एश‍िया कप की शुरुआत से पहले ही उन्हें वो मिल भी जाए. लेकिन, इस बिल का असर सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं है. इसका असर आगामी IPL में भी दिखेगा. साथ ही रोहित शर्मा (Rohit Sharma), विराट कोहली (Virat Kohli) और महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) जैसे दिग्गज क्र‍िकेटर्स की जेब पर भी इसका असर पड़ सकता है. 

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क्र‍िकेटर्स को भी होगा नुकसान

Cricbuzz की रिपोर्ट के मुताबिक, इस बैन से भारतीय क्रिकेटर्स को हर साल 150-200 करोड़ रुपये का घाटा होने वाला है. विराट कोहली, रोहित शर्मा, एमएस धोनी जैसे बड़े खिलाड़ी फैंटेसी गेमिंग ऐप्स के ऐड में दिखते थे. ये ऐड उनकी कमाई का एक बड़ा हिस्सा थे. विराट कोहली को MPL से सालाना 10-12 करोड़ रुपये मिलते थे. रोहित शर्मा को Dream11 से 6-7 करोड़ और धोनी को Winzo से इतने ही मिलते थे. इन दिग्गजों को तो फिर भी दूसरे ब्रांड्स मिल जाएंगे, लेकिन उन युवा खिलाड़ियों का क्या जिनकी कमाई का बड़ा हिस्सा इन कंपनियों पर निर्भर था?

रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ खिलाड़ियों के लिए तो ये पूरा एंडोर्समेंट इनकम ही खत्म हो गया है. मोहम्मद सिराज और वॉशिंगटन सुंदर जैसे खिलाड़ियों की एक तिहाई कमाई सिर्फ इन कंपनियों से आती थी. अब सोचिए, जब ये कंपनियां ही नहीं रहेंगी तो इनकी कमाई का क्या होगा?

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छोटे टूर्नामेंट्स पर भी खतरा

सिर्फ भारत ही नहीं, इसका असर पूरी दुनिया के क्रिकेट पर पड़ने वाला है. यूरोपियन क्रिकेट नेटवर्क ने तो इस हफ्ते अपना काम-काज ही बंद कर दिया है. और वजह है ये ऑनलाइन गेमिंग बिल. उनकी फंडिंग भारत की गेमिंग कंपनियों से आती थी. IPL तो शायद 125 करोड़ रुपये के घाटे को झेल लेगा, लेकिन उन छोटी लीग्स का क्या जो पूरी तरह से इन गेमिंग कंपनियों पर निर्भर थीं?

क्रिकेट से हटकर देखें तो विज्ञापन बाजार पर भी इसका तगड़ा असर होगा. Elara Capital के वाइस-प्रेसिडेंट करण तौरानी के मुताबिक, भारत के विज्ञापन बाजार का 7-8% हिस्सा ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों से आता था. ये करीब 8 से 10 हजार करोड़ रुपये का आंकड़ा है. डिजिटल विज्ञापन बाजार में तो इनकी हिस्सेदारी 15-20% तक थी.

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तौरानी का कहना है कि खिलाड़ियों और दूसरे सेलिब्रिटीज की ब्रांड वैल्यू और इनकम में गिरावट आएगी. गेमिंग सेगमेंट उनकी कमाई में 20-25% तक का योगदान देता था. यानी, आने वाले समय में कई सेलिब्रिटीज की कमाई पर गाज गिर सकती है. कुल मिलाकर, सरकार का ये कदम क्रिकेट की दुनिया के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है. इसका असर कब तक और कितना होगा, ये तो वक्त ही बताएगा. लेकिन एक बात तो साफ है, खेल का मैदान अब सिर्फ बल्ले और गेंद से नहीं, बल्कि पैसों के खेल से भी बदल रहा है.

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