2011 वर्ल्ड कप के फाइनल में महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) को युवराज सिंह (Yuvraj Singh) से पहले बैटिंग के लिए भेजने का राज़ अब खुल गया है. खुद सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने इसका खुलासा किया. सचिन ने Reddit पर एक 'आस्क मी एनीथिंग' (AMA) सेशन के दौरान बताया कि यह उनका ही आइडिया था और इसके पीछे की वजह भी बताई. इसको लेकर सोशल मीडिया पर अब तक महेंद्र सिंह धोनी का ट्रोल किया जाता रहा है, लेकिन सहवाग ने सबसे पहले इसके बारे में एक बार बताया था.
सचिन ने 2011 वर्ल्ड कप फाइनल की वो बात बताई, जिसके लिए युवी फैंस धोनी को अब तक ट्रोल करते हैं!
2011 ODI World Cup के फाइनल में MS Dhoni को Yuvraj Singh से पहले बैटिंग के लिए भेजने का फैसला किसका था, इस पर से Sachin Tendulkar ने पर्दा उठा दिया है. उन्होंने रेडिट पर इसका जवाब दिया.


2 अप्रैल 2011 को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में वर्ल्ड कप का फाइनल खेला गया था. भारत 275 रन के लक्ष्य का पीछा कर रहा था. 114 रन पर विराट कोहली का विकेट गिरा और सबने सोचा कि टूर्नामेंट के 'प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट' युवराज सिंह ही बैटिंग के लिए आएंगे. लेकिन, अचानक एमएस धोनी मैदान पर आए. धोनी ने 91 रन की शानदार पारी खेली और गौतम गंभीर के साथ 109 रन की पार्टनरशिप करके टीम को 28 साल बाद वर्ल्ड कप दिलाया.
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AMA सेशन के दौरान एक यूज़र ने सचिन से पूछा कि क्या धोनी को पहले भेजने का आइडिया उनका था और इसके पीछे की वजह क्या थी? इस पर सचिन ने बताया,
इसके पीछे दो वजहें थीं. पहली, बाएं और दाएं हाथ के बैटर्स का कॉम्बिनेशन श्रीलंका के दो ऑफ-स्पिनरों, मुथैया मुरलीधरन और सूरज रणदीव को परेशान कर सकता था. दूसरा कारण ये था कि मुरलीधरन और धोनी दोनों 2008 से 2010 तक चेन्नई सुपर किंग्स के लिए खेल चुके थे और धोनी ने तीन सीजन तक मुरलीधरन को नेट्स में खेला था.

सचिन की यह रणनीति काम कर गई. भारत ने छह विकेट से जीत दर्ज की और सचिन का वर्ल्ड कप जीतने का सपना पूरा हुआ. वह टूर्नामेंट में भारत के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बैटर थे. टूर्नामेंट में उन्होंने 53.55 के औसत से कुल 482 रन बनाए थे. वह सीरीज़ में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले दूसरे बैटर थे, उनसे आगे सिर्फ श्रीलंका के टी दिलशान थे, जिन्होंने 500 रन बनाए थे.
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