प्रिय पाठको, आज एक कविता रोज़ में सुमित्रानंदन पंत (20 मई 1900 – 28 दिसंबर 1977). पंत भी हिंदी कविता के उस दौर के ही प्रमुख कवि हैं, जिसे ‘छायावाद’ कहा गया. नेपोलियन के असर में आकर लंबे और घुंघराले बाल रखने वाले पंत हिंदी के सबसे सुकुमार कवियों में से एक हैं. ज्ञानपीठ, साहित्य अकादेमी और पद्मभूषण से सम्मानित पंत ने हरिवंश राय ‘बच्चन’ के बड़े बेटे का नामकरण भी किया, जिसे आज दुनिया अमिताभ बच्चन के नाम से जानती है. प्रकृति को अपनी कविता में बहुत महत्व देने वाले पंत ने अपने समय के महान व्यक्तित्वों पर भी तमाम कविताएं लिखीं. आध्यात्मिक गुरु अरविंदो से भी पंत प्रभावित रहे. ‘‘वियोगी होगा पहला कवि, आह से उपजा होगा गान उमड़ कर आंखों से चुपचाप बही होगी कविता अंजान’’ यह कहने वाले पंत की कविता सुंदरता का दूसरा नाम है.
अब पढ़िए सुमित्रानंदन पंत की यह कविता :