भारत की रेसिंग दुनिया से बड़ी खबर आई है. पुणे की डायना पुंडोले (Diana Pundole) इतिहास रचने जा रही हैं. वो पहली भारतीय महिला बनेंगी जो Ferrari को किसी इंटरनेशनल मोटरस्पोर्ट चैंपियनशिप में रेस करेंगी.
Ferrari की सवारी! इंटरनेशनल मोटरस्पोर्ट में इतिहास रचने वाली पहली भारतीय महिला
Diana Pundole Ferrari Club Challenge: नवंबर 2025 से अप्रैल 2026 तक होने वाले फेरारी क्लब चैलेंज मिडिल ईस्ट में भारत को Diana Pundole रिप्रेजेंट करेंगी. ऐसा करने वाली वह पहली भारतीय महिला होंगी.


डायना नवंबर 2025 से अप्रैल 2026 के बीच होने वाली Ferrari Club Challenge - Middle East में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी. ये चैंपियनशिप दुनिया के कुछ सबसे शानदार Formula One सर्किट्स पर होगी- दुबई, अबू धाबी, बहरीन, कतर और सऊदी अरब में.
इस दौरान डायना Ferrari 296 Challenge कार को इंटरनेशनल ट्रैक पर 250 किमी/घंटा से ज्यादा की रफ्तार पर दौड़ाएंगी. ये रेस सिर्फ स्पीड नहीं, बल्कि सटीकता (Precision) और सहनशक्ति (Endurance) का भी टेस्ट होगी.
32 साल की डायना पुंडोले कोई नई खिलाड़ी नहीं हैं. उन्होंने 2024 में मद्रास इंटरनेशनल सर्किट पर पुरुष रेसर्स को पछाड़कर MRF Saloon Cars Championship जीती थी. इससे वो भारत की पहली महिला बनीं, जिसने किसी राष्ट्रीय रेसिंग चैंपियनशिप का खिताब अपने नाम किया.
डायना ने अपने मोटरस्पोर्ट करियर की शुरुआत JK Tyre WIM (Women in Motorsport) प्रोग्राम से की थी. इसके बाद उन्होंने Porsche 911 GT3 Cup, Ferrari 488 Challenge, BMW M2 Competition और Renault Clio Cup जैसी हाई-प्रोफाइल रेसिंग प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया है.
डायना अपने रेसिंग के जुनून का श्रेय अपने दिवंगत पिता को देती हैं. उन्हीं के मोटरस्पोर्ट्स के प्रति प्रेम से डायना को ये रास्ता चुनने की प्रेरणा मिली. वो कहती हैं,
"जब मैं ट्रैक पर होती हूं, मुझे लगता है जैसे पापा मेरे साथ हैं."
फिलहाल डायना लगातार शारीरिक और मानसिक ट्रेनिंग ले रही हैं ताकि इंटरनेशनल चैलेंज के लिए पूरी तरह तैयार रह सकें. उनकी इस यात्रा को Aligned Automation और Ferrari New Delhi का सपोर्ट मिला है.
क्या है Ferrari Club Challenge?Ferrari Club Challenge दरअसल Ferrari Challenge Series का हिस्सा है. यह एक नॉन-कॉम्पिटिटिव ड्राइविंग प्रोग्राम है, जो Ferrari मालिकों को उनके कारों को प्रोफेशनल रेस ट्रैक पर चलाने का मौका देता है.
इसमें शामिल होने के लिए मेंबरशिप लेनी पड़ती है. Ferrari ने इसे खासतौर पर अपने क्लाइंट्स के लिए शुरू किया ताकि वे सुरक्षित माहौल में अपनी ड्राइविंग स्किल्स को निखार सकें और असली रेसिंग का अनुभव ले सकें.
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डायना पुंडोले अब सिर्फ भारत की नहीं, बल्कि हर उस लड़की की उम्मीद हैं जो स्टीयरिंग पकड़ने का सपना देखती है. Ferrari की रफ्तार, भारतीय हिम्मत और पिता की प्रेरणा- यही तीन चीजें हैं जो डायना को बाकी से अलग बनाती हैं.
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