स्टुअर्ट ब्रॉड चर्चा में हैं. उन्होंने ओवल में खेले जा रहे ऐशेज़ टेस्ट के दूसरे दिन कुछ ऐसा किया, जिसके बाद कई लोगों ने तो उनका नाम ही जादूगर रख दिया. और अब ब्रॉड ने बताया है कि उन्होंने ये जादू ऑस्ट्रेलियन क्रिकेटर्स से सीखा है. बता दें कि टेस्ट के दूसरे दिन ब्रॉड ने स्टंप्स के पास आकर गिल्लियों की जगह बदल दी थी और अगली ही गेंद पर मार्नस लाबुशेन का विकेट गिर गया.
बिना गेंद छुए विकेट ले स्टुअर्ट ब्रॉड बोले, ये तो मैंने ऑस्ट्रेलिया से ही सीखा!
ब्रॉड ने ऑस्ट्रेलिया का 'जादू' उन पर ही आजमा लिया.

ब्रॉड ने दिन के खेल के बाद इस पर बात की, लेकिन वो बताने से पहले एक बार आपको ये घटना याद दिला देते हैं. बात ऑस्ट्रेलिया की पारी के 43वें ओवर की है. मार्क वुड बोलिंग कर रहे थे. जबकि लाबुशेन स्ट्राइक पर थे. इसी दौरान शॉर्ट मिड-विकेट पर खड़े ब्रॉड चलकर आए. और बैटिंग एंड की गिल्लियों की जगह बदल दी. उन्होंने स्टंप्स पर रखी गिल्लियों को एक-दूसरे की जगह रख दिया.
# Stuart Broad Magicलाबुशेन उस वक्त तो मुस्कुराते दिखे. लेकिन अगली ही गेंद उनके बल्ले का किनारा लेकर स्लिप की ओर गई, जहां रूट ने एक कमाल का कैच पकड़ लाबुशेन की पारी का अंत किया. सभी लोग इस कैच को देख भौचक रह गए, लेकिन ब्रॉड की पिच्चर अभी बाक़ी थी.
उन्होंने नॉन स्ट्राइकर एंड पर खड़े उस्मान ख़्वाजा की पीठ थपथपाई और फिर अपनी टीम के साथ आकर जश्न मनाया. जबकि लाबुशेन हैरान-परेशान से वापस चले गए. और दिन के खेल के बाद इस बारे में बात करते हुए ब्रॉड ने कहा,
'मैंने सुना था, और शायद मैंने इसे बनाया, लेकिन ये भाग्य पलटने वाली ऑस्ट्रेलियन चीज है. और मैं सोचता हूं कि मैंने नेथन लॉयन को ये करते हुए देखा है. सुबह के सेशन में हमने कुछ मौके बनाए लेकिन सफ़लता नहीं मिली. हमें एक ब्रेकथ्रू चाहिए था और मैंने सोचा कि चलो गिल्लियां बदलकर देखते हैं.
और जादुई तरीके से ये काम भी आया. मार्नस ने अगली ही गेंद पर बल्ला छुआया और रूट ने एक कमाल का कैच लिया.'
ब्रॉड ने ये भी बताया कि उन्होंने नॉन-स्ट्राइकर एंड पर खड़े उस्मान ख़्वाजा के साथ क्या बात की. उन्होंने कहा,
'मैं ऐसे ही गया और उज़्ज़ी के साथ सेलिब्रेट किया. और वो बोले- अगर तुम मेरी गिल्लियां छुओगे, मैं तुरंत ही उन्हें उनकी जगह वापस रख दूंगा. उन्होंने तुरंत ही मुझे चेतावनी दे दी.'
बता दें कि लाबुशेन ने इस पारी में कुल 82 गेंदें खेलीं और सिर्फ़ नौ रन बनाए. उनकी पारी को फ़ैन्स ने बोरिंग करार दिया और कई ने तो उनका आउट होना भी सेलिब्रेट किया. तो कई फ़ैन्स ने उनकी बैटिंग देख इंडियन लेजेंड चेतेश्वर पुजारा को याद कर लिया. और कहा कि लाबुशेन पुजारा को कॉपी कर रहे थे. लेकिन ओवरऑल फ़ैन्स उनकी इस पारी से निराश ही रहे.
लोगों का कहना था कि पहली ही पारी में, टेस्ट के दूसरे ही दिन इस तरीके की बैटिंग का कोई अर्थ नहीं है. इससे ऑस्ट्रेलिया का नुकसान ही हुआ क्योंकि मार्नस टेस्ट बचाने के लिए नहीं खेल रहे थे. अगर वो थोड़ा पॉजिटिव एटिट्यूड दिखाते तो ऑस्ट्रेलिया की लीड बड़ी हो सकती थी.
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