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दी लल्लनटॉप शो: 'यूनिफॉर्म सिविल कोड' के पीछे का खेल पता चल गया

कनवेंशनली UCC को जिस तरह केवल मुसलमानों के ख़िलाफ़ बताया जाता है, उसमें कितनी सच्चाई है?

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राम मंदिर, अनुच्छेद 370 और समान नागरिक संहिता. अगर भारतीय जनता पार्टी की बीते 30 सालों की राजनीति को देखेंगे, तो ये तीन मुद्दे बार-बार दिखेंगे. इधर-उधर बयानबाज़ी, गुटबाज़ी, बैठकें. BJP ने सब किया. इसके बाद भाजपा के सपनों को साकार करने आई मोदी सरकार. मोदी-2.0 ने 5 अगस्त, 2019 को कश्मीर के अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी कर दिया. 5 अगस्त, 2020 को अयोध्या में राम मंदिर का शिलान्यास किया. अब बचा एक अजेंडा, जिसपर गाहे-बगाहे बयान आ जाते हैं. मगर आज ख़ुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मानो एलान किया. उन्होंने भोपाल में सार्वजनिक तौर पर UCC को लागू करने की वकालत की. बयान आने के बाद प्रतिक्रिया भी आने लगीं और ये क़यास भी, कि भाजपा सरकार का 5 अगस्त, 2023 के लिए प्लैन क्या है? UCC को लेकर देश में क्या बहसें रही हैं? जो कमिशन्स बने, उनकी क्या सिफ़ारिशें थीं? और कनवेंशनली UCC को जिस तरह केवल मुसलमानों के ख़िलाफ़ बताया जाता है, उसमें कितनी सच्चाई है?

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