साल का पहला महीना जनवरी. इस महीने में जो भी त्योहार होते हैं, उनमें गुड़ और तिल की बनी हुई एक छोटी सी टिकिया खूब खाई जाती है. इस टिकिया का नाम है 'रेवड़ी'. जनवरी बीता फिर ये टिकिया भी गायब हो जाती है. ऐसा इसलिए क्योंकि तिल और गुड़ दोनों रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं, शरीर को गर्म रखते हैं. इसी वजह से इसे सर्दियों में ज्यादा खाया जाता है. लेकिन, पिछले कुछ महीनों से रेवड़ी का नाम गर्मी के मौसम में भी खूब सुनने को मिल रहा है. राजनीतिक गलियारों में 'रेवड़ी' शब्द कई दिनों से काफी चर्चा में है. देखें वीडियो.
रेवड़ी कल्चर पर चल रही बहस के बीच जानें रेवड़ी बनती कैसे है?
राजनीतिक गलियारों में 'रेवड़ी' शब्द कई दिनों से काफी चर्चा में है.
Advertisement
Add Lallantop as a Trusted Source

Advertisement
Advertisement

.webp?width=80)














.webp)

.webp)
