जंतर-मंतर से हटाए गए पहलवानों ने 30 मई को अपने मेडल गंगा नदी में बहाने का ऐलान किया था. लेकिन किसान नेता नरेश टिकैत ने उनके मेडल ले लिए और उन्हें समझाते हुए सरकार को पांच दिन का अल्टीमेटम दे दिया. इस पूरे घटनाक्रम के बीच रेसलिंग के सबसे बड़े संगठन ने भी अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है. यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) ने पहलवानों के साथ हो रहे व्यवहार और उन्हें हिरासत में लिए जाने की कड़ी निंदा की है.
"ऐसा नहीं किया तो कुश्ती में कभी मेडल नहीं जीतेगा भारत"- WFI को किसने अल्टीमेटम दे दिया?
"पहलवानों के साथ जो कुछ हुआ, वो परेशान करने वाला."
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, UWW की तरफ से कहा गया है कि अगर 45 दिन के अंदर रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) के चुनाव नहीं होते हैं तो WFI को आगे के मैचों के लिए सस्पेंड किया जा सकता है. बता दें कि UWW इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी (IOC) द्वारा मान्यता प्राप्त संगठन है. रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) इसी संगठन का एक सदस्य है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अगर UWW ने WFI को सस्पेंड कर दिया तो भारतीय एथलीट्स को आगे के सभी अंतरराष्ट्रीय मैच न्यूट्रल झंडे के साथ खेलने होंगे. माने, कोई भी खिलाड़ी भारत के झंडे के साथ अंतरराष्ट्रीय कुश्ती मैचों में भाग नहीं ले पाएगा.
UWW ने पहलवानों के साथ हो रहे व्यवहार और उन्हें हिरासत में लिए जाने की कड़ी निंदा करते हुए अब तक हुई जांच पर भी सवाल खड़े किए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, UWW ने मामले से जुड़े अधिकारियों से आरोपों की निष्पक्ष जांच करने का आग्रह किया है.
इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, IOC और यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) प्रदर्शन कर रहे पहलवानों के साथ एक मीटिंग करने पर भी विचार कर रहे हैं.
पहलवानों के प्रदर्शन और गंगा में मेडल बहाने को लेकर IOC की प्रतिक्रिया भी सामने आई है. IOC की प्रवक्ता लुसाने ने इंडिया एक्सप्रेस को बताया कि पहलवानों के साथ जैसा बर्ताव किया गया है वो बहुत परेशान करने वाला था. IOC ने यौन शोषण मामले में निष्पक्ष जांच करने की बात भी कही. IOC की तरफ से कहा गया कि जांच के दौरान एथलीट्स की सुरक्षा का ध्यान रखा जाए और जांच तेजी से पूरी की जाए. IOC ने इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन (IOA) से एथलीट्स की सुरक्षा सुनिश्चित का आग्रह भी किया है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी (IOC) के अक्टूबर में होने में वाले वार्षिक सत्र की मेजबानी करेगा. ऐसी भी जानकारी है कि भारत सरकार यहां 2036 ओलंपिक खेलों के लिए गुजरात को उम्मीदवार के तौर पर पेश कर सकती है.
इधर मेडल्स को गंगा में बहाने के पहलवानों के ऐलान पर बृजभूषण शरण सिंह का बयान भी सामने आया है. उन्होंने कहा कि मामले की जांच होने देनी चाहिए. सब कुछ दिल्ली पुलिस के हाथ में है, पहलवानों के आग्रह पर ही FIR हुई है. बृजभूषण ने आगे कहा कि पहलवान गंगाजी में मेडल बहाने गए थे, लेकिन नरेश टिकैत के हाथ में मेडल देकर लौट आए. उन्होंने कहा कि जांच हो रही है और वो अगर गलत पाए जाते हैं तो गिरफ्तारी भी हो जाएगी.
वीडियो: "गंगा में बहाएंगे मेडल"-पहलवानों के इस ऐलान की उम्मीद किसी को नहीं होगी