
वो फिल्ममेकर जिसकी फिल्म के चक्कर में गब्बर और जय दोबारा भिड़े
70 के दशक में विनय सिन्हा ने फिल्म इंडस्ट्री में एंट्री मारी. अगले कुछ सालों तक वो फिल्म के प्रोडक्शन डिपार्टमेंट से जुड़े रहे. इस दौरान वो 'रफू चक्कर', 'आ गले लग जा' और 'भाई हो तो ऐसा' जैसी फिल्मों के प्रोडक्शन इन चार्ज थे. इसी समय एक्टर अमज़द खान (शोले) खुद एक फिल्म डायरेक्ट करना चाहते थे. उन्होंने बहुत सारे लोगों से संपर्क किया, जिनमें से विनय उनकी फिल्म प्रोड्यूस करने को तैयार हो गए. 1983 में अमज़द खान ने शत्रुघ्न सिन्हा, परवीन बाबी और अशोक कुमार को लेकर 'चोर पुलिस' नाम की फिल्म बनाई. फिल्म बनकर तैयार थी लेकिन सेंसर बोर्ड में अटकी हुई थी. अपनी फिल्म को रिलीज़ करवाने के लिए अमज़द ने अमिताभ बच्चन से मदद मांगी. तब अमिताभ इंडिया के सबसे बड़े सुपरस्टार थे. उनका पॉलिटिकल लोगों के साथ भी अच्छा-खासा उठना-बैठना था.

फिल्म 'अमीर आदमी गरीब आदमी' के सेट पर अमज़द खान के साथ विनय सिन्हा (सबसे दाएं).
अमज़द ने कहा किसी से बात करके फिल्म को सेंसर बोर्ड से निकालो और रिलीज़ करने में हेल्प करो. बच्चन ने कहा ठीक है, वो कुछ लोगों से इस बारे में बात करेंगे. अगले दिन अमिताभ ने अमज़द को अपने घर बुलाया और उस दिन अखबार दिखाया. उसमें अमज़द और अमिताभ के बीच हुई इस बातचीत से जुड़ी खबर छपी थी. नाराज़ अमिताभ ने कहा कि अब जब मीडिया भी इस बारे में जान चुकी है, इसलिए वो अमज़द की चोरी-छुपे भी मदद नहीं कर पाएंगे. कहानी का कैच ये है कि अमज़द की फिल्म फंसी थी, ऐसे में वो तो मीडिया को बताएंगे नहीं. और दूसरे शख्स जिसको इस बारे में जानकारी थी, वो अमिताभ बच्चन थे. फिर ये बात मीडिया तक पहुंची कैसे? बाद में अमिताभ ने अमज़द खान की फिल्म 'अमीर आदमी गरीब आदमी' में गेस्ट अपीयरेंस किया लेकिन दोनों की दोस्ती में दरार आ चुकी थी.

फिल्ममेकर विनय सिन्हा. विनय की बतौर प्रोड्यूसर आखिरी फिल्म थी 1997 में रिलीज़ हुई गोविंदा और ममता कुलकर्णी स्टारर 'नसीब'.
विनय ने दी है इंडिया को उसकी सबसे कल्ट कॉमेडी फिल्म
90 के दशक की शुरुआत में राज कुमार संतोषी 'घायल' और 'दामिनी' जैसी सीरियस और हार्ड हिटिंग पिक्चरें बना चुके थे. अब वो कुछ हल्की-फुल्की फिल्म करना चाहते थे. ऐसे में विनय ने संतोषी को एक कॉमेडी फिल्म का आइडिया सुनाया. संतोषी को आइडिया पसंद आ गया. विनय सिर्फ आइडिया ही नहीं इस फिल्म को प्रोड्यूस करने को भी तैयार थे. विनय के कन्विक्शन को देखते हुए संतोषी ने इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर दिया. सबसे पहले कास्ट किए गए आमिर खान. आमिर ने अपने करियर में फुल-फ्लेज्ड कॉमडी फिल्म नहीं की थी. इसके बाद सलमान खान, रवीना टंडन और करिश्मा कपूर को फिल्म से जोड़ा गया.

फिल्म 'अंदाज़ अपना अपना' की शूटिंग के दौरान डायरेक्टर राजकुमार संतोषी, लीडिंग एक्टर्स आमिर खान और रवीना टंडन के साथ विनय सिन्हा (सबसे बाएं).
दिलीप शुक्ला ने फिल्म लिखनी शुरू की. लेकिन ये फिल्म कभी लिखे के हिसाब से बनी ही नहीं. कई बार फाइनेंशियल दिक्कतों की वजह से शूटिंग रूक भी गई. लेकिन विनय ने कहीं से भी पैसे जुगाड़कर इस फिल्म में लगाया और इसे पूरा किया. फिल्म का नाम था 'अंदाज़ अपना अपना'. फिल्म बनकर रिलीज़ हुई लेकिन थिएटर्स में लोगों ने इसे पसंद नहीं किया. 'अंदाज़ अपना अपना' पिट गई. लेकिन गुज़रते समय के साथ इस फिल्म की पॉपुलैरिटी में भारी उछाल आई. तमाम खराब फिल्मों में काम करने के बावजूद सलमान और आमिर की ये फिल्म लोग आज भी पसंद करते हैं. 'अंदाज़ अपना अपना' को अब इंडिया की सबसे कल्ट क्लासिक कॉमेडी फिल्मों में गिना जाता है. और इसका सारा क्रेडिट जाता है विनय सिन्हा को, जो अब इस दुनिया में नहीं हैं.
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