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काबुल एयरपोर्ट पर हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ने क्या बड़ा ऐलान कर दिया?

ISIS के इस हमले में 12 अमेरिकी कमांडोज की भी मौत हुई है.

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काबुल एयरपोर्ट पर हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ने आईएस को सबक सिखाने का ऐलान किया है. (फोटो AP/PTI)
काबुल एयरपोर्ट पर एक के बाद एक धमाकों में 100 से ज्यादा लोगों को मौत के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि हम इन हमलों न तो भूलेंगे और न ही माफ करेंगे. हम इसके जिम्मेदार लोगों को ढूंढेंगे और उनके किए की सजा देंगे. काबुल एयरपोर्ट पर हमले में 13 अमेरिकियों की भी मौत हुई है और करीब 18 घायल हुए हैं. अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, मरने वालों में 12 अमेरिकी कमांडो हैं. बताया जा रहा है कि पिछले कई साल में काबुल में अमेरिकियों को हुआ ये सबसे बड़ा नुकसान है. अमाक न्यूज एजेंसी के मुताबिक, काबुल एयरपोर्ट पर हुए हमले की जिम्मेदारी ISIS के खोरासान ग्रुप ने ली है. इस ग्रुप को तालिबान का दुश्मन माना जाता है. पहले इस आतंकी संगठन ने सीरिया और इराक में अमेरिकी फौजों से जंग लड़ी थी. बीबीसी के मुताबिक, इस्लामिक स्टेट समूह ने अपने टेलीग्राम चैनल के ज़रिए दावा किया कि काबुल एयरपोर्ट का हमला आत्मघाती था. रेस्क्यू मिशन नहीं रोकेगा अमेरिका इस हमले के कुछ ही घंटे बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने देश को संबोधित किया. उन्होंने भावुक होते हुए कहा कि इस हमले के बाद भी अफगानिस्तान से अमेरिकियों को बाहर निकालने का अभियान रोका नहीं जाएगा. आतंकी हमें डरा नहीं सकते. रक्षा मंत्रालय की ओर से बताया गया कि 14 अगस्त के बाद से अब तक एक लाख से ज्यादा लोगों को काबुल एयरपोर्ट से निकाला जा चुका है. अभी पांच हजार के करीब लोग अब भी रेस्क्यू किए जाने के इंतजार में हैं. बाइडेन बोले, IS को सबक सिखाएंगे बाइडेन ने अमेरिकी मिलिट्री कमांडरों से कहा कि वह हमले के लिए जिम्मेदार ISIS-खोरासान को सबक सिखाने की रणनीति तैयार करें. उसके नेतृत्व और अहम ठिकानों पर कार्रवाई का ऑपरेशनल प्लान बनाएं. बाइडेन ने कहा कि इसके लिए अमेरिकी सेना को जिस भी चीज की जरूरत होगी, चाहे वो अतिरिक्त सैनिक हों या किसी और तरह की मदद, उन्हें दी जाएगी. इस बीच एक्सपर्ट्स का कहना है कि काबुल एयरपोर्ट ब्लास्ट में अमेरिकी सैनिकों के बड़ी तादाद में हताहत होने से जो बाइडेन की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं. अफगानिस्तान के मौजूदा हालात के लिए विरोधी उन्हें ही जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. अफगानिस्तान में 20 साल तक तालिबान से लड़ने के बाद अमेरिका ने अपनी फौज वापस बुला ली हैं. भारत समेत कई देशों ने की निंदा काबुल एयरपोर्ट पर हमले पर तमाम देशों ने प्रतिक्रिया दी है. भारत ने भी इस हमले की कड़ी निंदा की है. विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि यह हरकत दिखाती है कि आतंकवाद और उन्हें शह देने वालों से मुकाबले के लिए पूरी दुनिया को एकजुट होकर कदम उठाने होंगे. ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन ने भी कहा है कि काबुल धमाकों के बाद भी वह लोगों को वहां से निकालने का काम जारी रखेंगे. अधिकारियों के साथ इमरजेंसी मीटिंग के बाद जॉनसन ने कहा कि वह लोगों को एयरलिफ्ट करने के अपने प्लान पर कायम हैं. ब्रिटेन के रक्षा सचिव डोमिनिक रॉब ने कहा कि ऐसी कायराना हरकत हमें अफ़ग़ानिस्तान में अपना काम करने से रोक नहीं सकती. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने बयान जारी करके इस आतंकवादी हमले की निंदा की.