
"राणा जी म्हारे गुस्से में आये, ऐसे बल खाए, अगिया बरसाए, भर आए म्हारे नैन जैसे दूर देस के टावर में घुस जाए रे एरोप्लेन..."
"राणा जी म्हारे गुस्से में आये, ऐसे बल खाए, अगिया बरसाए, भर आए म्हारे नैन जैसे दूर देस के टावर में घुस जाए रे एरोप्लेन..."
और ये उपदेश राणा नाम का एरोप्लेन उड़ा और जा घुसा टीपू सुल्तान मस्जिद में. कलकत्ता की टीपू सुल्तान मस्जिद. वहां गया और अपने हिन्दू क्रोध की अग्नि में मुस्लिम मौलवी को भस्म कर दिया. थोड़ी देर में मौलवी का वीडियो आया. पता चला उपदेश ने थप्पड़ जड़ दिया था. हिन्दू राष्ट्र के ऊपर संकट के जो बादल मंडरा रहे थे, वो हट चुके थे. उपदेश ने अपनी प्रोफाइल से एक वीडियो अपलोड किया और अपने हिन्दू कन्धों पर इस थप्पड़ मारने के महाहिन्दू कार्यक्रम की जानकारी दी. इससे पहले राणा जी ने 'जय काली कलकत्ते वाली' की तर्ज पर कलकत्ता में ही काली मां के मंदिर में पूजा की और ये दुआ प्रार्थना की कि चूहा बिल से बाहर निकल आए. ये पहली मर्तबा था कि एक शेर मंदिर में प्रार्थना करता दिख रहा था. कोई सही कह रहा था - कलयुग आ चुका है.
इस मुस्लिम इमाम ने कुछ वक़्त पहले कहा था, "अगर भारत हिन्दू राष्ट्र बना, तो इस देश में मुस्लिम मिलकर जिहाद शुरू कर देंगे. अगर देश हिन्दू राष्ट्र बन सकता है, तो मुस्लिम राष्ट्र क्यूं नहीं?" (पिछले दो वाक्यों में इतना हिन्दू-मुस्लिम हो चुका है कि इसे अपनी स्पीच में रखकर कोई साधु महात्मा एक प्रदेश का मुख्यमंत्री तक बन सकता है.) खैर, इमाम की कही ये बातें सुनकर हिन्दू उपदेश राणा की हिन्दू धमनियों में बहता हिन्दू रक्त हिन्दू बॉइलिंग पॉइंट के ऊपर पहुंच गया. उबाल से धमनियों में छाले पड़ गए और उपदेश राणा का एरोप्लेन फ्लाइट मोड में आ गया. जा घुसा दूर देस के टावर में. जड़ दिया थप्पड़.
हिन्दू हृदय सम्राट उपदेश राणा की प्रोफाइल खंगाले, तो मालूम चलेगा कि उनके साथी बार-बार उन्हें मैसेज कर रहे थे कि उस इमाम का कुछ किया जाए. चुप न बैठा जाए. और भी बातों पर, जब-जब हिन्दू धर्म खतरे में दिख रहा था, राणा जी के साथियों ने राणा जी के सामने त्राहिमाम किया. उपदेश चुप न बैठ सका. कट्टर हिन्दू था, कैसे चुप बैठता?
मेरी उन सभी लोगों से एक अपील है. एक गुज़ारिश है. राणा जी का ध्यान कुछ और बातों की ओर भी खींचें. प्लीज़. लड़कियों की पढ़ाई. हमारे आस-पास लड़कियों, महिलाओं की स्थिति. दलित के घोड़ी चढ़ने पर उसकी पिटाई. किसानों की आत्महत्या. रेप, चोरी, छिनैती. रिश्वतखोरी. मर्डर. इन सभी की ओर भी उपदेश राणा का ध्यान खींचा जाए. या उपदेश सिर्फ गैर-हिन्दुओं से हिन्दू धर्म की ही रक्षा करेंगे. हिन्दू अन्दर ही अन्दर क्या कर रहे हैं, उस पर आंखें मूंद लेंगे क्या? मैं नहीं मान सकता कि उपदेश का धर्म इतना कमज़ोर हो सकता है कि एक छिछले इंसान के उतने ही छिछले स्टेटमेंट से उसके धर्म पर खतरा मंडराने लगे. हर वीडियो की शुरुआत में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के नाम का जयघोष करने वाला व्यक्ति एक इमाम की कही टुच्ची बातों पर भड़क उठे तो विष्णु के उस अवतार का नाम लेना सार्थक होता नहीं दिखता.
मुझे उपदेश से आशाएं हैं. हमारे समाज को उपदेश से आशाएं हैं. मुझे लगता है ये आदमी हमारी ऊर्जा व्यवस्था को बैलेंस में ला सकता है. इस आदमी के अन्दर इतनी ऊर्जा है कि ये एक समूचे प्रदेश को बिजली दे सकता है. ऊर्जा के इस भंडार को हमें संरक्षित करना चाहिए. इसे ऐसी जगह संरक्षित किया जाए, जहां परिंदा पर न मार पाए. जहां कोई भी बाहरी शक्ति इसे प्रदूषित न कर पाए. और इसके लिए जेल से अच्छी जगह और क्या हो सकती है?
इमाम बरकती को मारने वाले उपदेश राणा की वो बातें जो खुद उन्हें नहीं पता होंगी
आजादी मांगने तुम्हारे बच्चे क्यों नहीं जाते, इस सवाल पर कश्मीर का गुंडा यासीन नंगई पर उतर आया
"जो औरत का दर्द नहीं समझता, भगवान उसे मर्द नहीं समझता"
लड़की विदेशी है, शराब-गांजा पीती है, तो किसी के भी साथ सो लेगी, है न?