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उर्फी जावेद ने 'गिरफ्तारी' का वीडियो बनाया, मुंबई पुलिस ने 'सस्ती पब्लिसिटी' बताकर केस दर्ज किया

उर्फी पर मुबंई पुलिस ने फर्जी वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पुलिस विभाग को बदनाम करने का आरोप लगाया है. उर्फी के साथ चार अन्य लोगों पर भी मामला दर्ज हुआ है.

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उर्फी जावेद के साथ चार अन्य लोगों पर भी मामला दर्ज हुआ है (फ़ोटो/Instagram)

अपने फैशन को लेकर उर्फी जावेद हमेशा सुर्खियों में बनी रही हैं. लेकिन 3 नवंबर को उर्फी अपने एक वीडियो के चलते चर्चा का विषय बनीं. वीडियो में उर्फी ‘अरेस्ट’ होती नज़र आ रही हैं. इतना ही नहीं वीडियो में ‘पुलिसवाले’ उनके कपड़ों पर भी कॉमेंट करते हैं. बोल रहे हैं कि आप इतने छोटे-छोटे कपड़े पहनती हैं, इसलिए आपको पुलिस स्टेशन चलना है. उर्फी के इस वीडियो के बाद कई मीडिया चैनल्स ने दावा किया कि उन्हें गिरफ़्तार कर लिया गया है लेकिन ये दावा भ्रामक था. अब मुंबई पुलिस ने उर्फी जावेद के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है.

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उर्फी पर मुबंई पुलिस ने फर्जी वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पुलिस विभाग को बदनाम करने का आरोप लगाया है. उर्फी के साथ चार अन्य लोगों पर भी मामला दर्ज हुआ है.

इंडिया टुडे के संवाददाता दिव्येश की रिपोर्ट के मुताबिक़, पुलिस ने उर्फी समेत चार लोगों पर IPC की धारा 171 यानी धोखाधड़ी या जालसाजी करने के मकसद से किसी लोक सेवक की पोशाक पहनना, धारा 419 - यानी धोखा देना, धारा 500 (मानहानि) और धारा 34 के तहत मामला दर्ज किया गया है.

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वायरल हुए उर्फी के वीडियो में क्या था?

वायरल वीडियो एक पब्लिसिटी स्टंट था. वीडियो पर लोगों ने जमकर रिएक्शन दिए. जो लोग उन्हें ट्रोल करते थे वो भी वीडियो देखने के बाद उन्हें सपोर्ट करने लगे. सबसे पहले इस वीडियो को विरल भयानी ने शेयर किया था, कैप्शन था ,

"what..is this for real"

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हालांकि ये पोस्ट अब डिलीट कर दिया गया है. वीडियो में उर्फी को सुबह कॉफी रन पर देखा गया. तब वीडियो में एक्ट कर रहे पुलिस अधिकारियों के एक ग्रुप ने उन्हें हिरासत में ले लिया. एक महिला पुलिस अधिकारी उर्फी को अपने साथ पुलिस स्टेशन चलने के लिए कहती है, जिस पर उर्फी कारण पूछती हैं, तो अधिकारी जवाब देती है,

 “इतने छोटे-छोटे कपड़े पहने कौन घूमता है? पुलिस स्टेशन चलिए.”

उर्फी मना करती हैं लेकिन बाद में कार में बैठ जाती हैं. हमने उस गाड़ी पर लगे नंबर प्लेट को ध्यान से देखा. इस पर ‘MH 02 BM 2448’ लिखा नज़र आया. हमने यह नंबर ‘M Parivahan’ ऐप पर चेक किया. यहां हमें पता चला कि गाड़ी लगभग 14 साल से अधिक पुरानी है और यह मुंबई पुलिस के नाम से रजिस्टर नहीं हैं. साथ ही गाड़ी पर कोई बीकन और स्टीकर भी नज़र नहीं आ रहा है. जैसा कि हमने कुछ देर पहले बताया, ये सब ड्रामा था.

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