संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के ‘गाजा पीस प्लान’ (Gaza Peace Plan) पर वोटिंग की. रूस, जो वीटो कर सकता है और पहले ही इस प्लान के खिलाफ था, उसने वोटिंग में हिस्सा ही नहीं लिया. इस वजह से प्रस्ताव बिना रोक-टोक के पास हो गया.
UNSC में ट्रंप का गाजा प्लान पास, रूस वोटिंग से गायब, हमास नाराज
Israel और Hamas ने पिछले महीने Donald Trump के Gaza Peace Plan के पहले चरण पर सहमति जताई थी. अब इस प्लान पर UNSC की भी आधिकारिक मुहर लग गई.


इजरायल और हमास ने पिछले महीने गाजा के लिए डॉनल्ड ट्रंप के 20 सूत्रीय प्लान के पहले चरण पर सहमति जताई थी. इस प्लान में न सिर्फ गाजा में लड़ाई रोकने का आह्वान किया गया है, बल्कि शांति के बाद गाजा में पुनर्विकास के लिए शासन व्यवस्था कैसे बनाई जाए, इस पर भी चर्चा की गई है. सोमवार, 17 नवंबर को इस प्लान पर UNSC की भी आधिकारिक मुहर लग गई.
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, फिलिस्तीन ने शुक्रवार, 14 नवंबर को एक बयान जारी कर ट्रंप के इस प्लान का समर्थन किया. लेकिन इजरायल में यह विवाद का कारण बना, क्योंकि इस प्लान में भविष्य में फिलिस्तीन को एक स्वतंत्र देश का दर्जा देने की संभावना का जिक्र है.
प्लान में कहा गया है कि जब फिलिस्तीनी प्राधिकरण (Palestinian Authority) अपने सुधार पूरे कर लेगा और गाजा का पुनर्निर्माण आगे बढ़ेगा, तो फिलिस्तीनियों के लिए आत्मनिर्णय और अपना देश बनाने की राह साफ हो सकती है. अमेरिका ने कहा है कि वह इजरायल और फिलिस्तीन के बीच बातचीत कराएगा ताकि दोनों शांतिपूर्वक साथ रह सकें.
इधर, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने 16 नवंबर को अपनी दक्षिणपंथी सरकार के दबाव में कहा कि इजरायल फिलिस्तीनी राज्य का विरोध करता रहेगा और गाजा को ‘आसान या कठिन तरीके’ से पूरी तरह हथियारमुक्त किया जाएगा.
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रिपोर्ट के मुताबिक, हमास ने इस प्रस्ताव को यह कहते हुए ठुकरा दिया कि यह फिलिस्तीनियों के अधिकारों और उनकी मांगों को पूरा नहीं करता. उसका आरोप है कि यह गाजा पर एक तरह की अंतरराष्ट्रीय निगरानी (ट्रस्टीशिप) थोपने की कोशिश है, जिसे फिलिस्तीनी गुट मंजूर नहीं करते. हमास ने कहा,
गाजा में अंतरराष्ट्रीय बलों को जिम्मेदारी देना, जिसमें हमास को निःशस्त्र यानी हथियारमुक्त करना भी शामिल है, उन्हें निष्पक्ष नहीं रहने देगा और वे इजरायल के पक्ष में खड़े दिखाई देंगे.
हमास पहले भी हथियार छोड़ने से इनकार कर चुका है. 16 नवंबर रात हमास और उसके सहयोगी फिलिस्तीनी गुटों ने एक संयुक्त बयान में इस प्रस्ताव को ‘गाजा पर विदेशी नियंत्रण थोपने की खतरनाक कोशिश’ बताया और कहा कि यह प्रस्ताव इजरायल के हितों को आगे बढ़ाता है.
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