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क्या ऋषि सुनक इंडिया नहीं पाकिस्तान के हैं? सही बात जानिए

कोई सुनक को भारतीय बता रहा है तो कोई कह रहा है कि उनके परिवार का संबंध पाकिस्तान से है.

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ब्रिटेन के नए पीएम ऋषि सुनक. (फोटो- रॉयटर्स)

ऋषि सुनक. सिर्फ 50 दिन पहले जो ब्रिटेन के पीएम बनने से रह गए थे, अब वही ऋषि सुनक (Rishi Sunak) ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बन चुके हैं. प्रधानमंत्री वो ब्रिटेन के बने हैं लेकिन चर्चा भारत में भी काफी ज्यादा है. क्योंकि सुनक भारतीय मूल के हैं. उधर, सरहद पार पाकिस्तान के लोग भी ऋषि सुनक के पीएम बनने को लेकर खुश हैं. लेकिन क्यों?

ऋषि सुनक का परिवार

ऋषि सुनक का जन्म तो ब्रिटेन के साउथैम्पटन में हुआ था. तो फिर भारत और पाकिस्तान के लोग उनकी स्थानीयता को लेकर कौन-सा दावा कर रहे हैं? पहले ऋषि सुनक के पारिवारिक इतिहास को समझते हैं. दरअसल, सुनक के दादा-दादी का जन्म अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत में हुआ था. आज पंजाब का वो हिस्सा पाकिस्तान में है. पाकिस्तान के गुजरांवाला में एक पंजाबी खत्री परिवार में उनके दादा रामदास सुनक का जन्म हुआ था. आजादी से पहले उन्होंने गुजरांवाला छोड़ दिया. तब ना एक राष्ट्र के रूप में आज का भारत था और ना ही पाकिस्तान.

पाकिस्तान के मीडिया आउटलेट जियो न्यूज में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 1935 में रामदास सुनक केन्या की राजधानी नैरोबी चले गए. उनकी पत्नी यानी ऋषि सुनक की दादी सुहाग रानी सुनक पहले गुजरांवाला से दिल्ली गईं, फिर 1937 में नैरोबी चली गईं. रामदास सुनक और सुहाग रानी के 6 बच्चे हुए, तीन बेटे और तीन बेटियां. ऋषि के पिता यशवीर सुनक का जन्म 1949 में नैरोबी में हुआ. वे 1966 में लिवरपूल आ गए. वहां उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ लिवरपूल में मेडिसिन की पढ़ाई की. साल 1977 में यशवीर ने उषा से शादी की. तीन साल बाद साउथैम्पटन में ऋषि सुनक का जन्म हुआ.

पिता यशवीर सुनक डॉक्टर थे और मां एक मेडिकल स्टोर चलाती थीं. 42 साल के ऋषि सुनक की शुरुआती पढ़ाई साउथैम्पटन में ही हुई. फिर विनचेस्टर कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस की पढ़ाई की. वहां से निकले तो ऑक्सफोर्ड चले गए पढ़ने. वहां पॉलिटिक्स, फिलॉसफी और इकॉनमिक्स की पढ़ाई की. इसके बाद MBA करने कैलिफोर्निया की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी चले गए. यहीं पर उनकी मुलाकात अक्षता मूर्ति से हुई. अक्षता इंफोसिस के फाउंडर नारायण मूर्ति की बेटी हैं. साल 2009 में सुनक और अक्षता ने शादी कर ली.

साल 2015 में राजनीति में आने से पहले सुनक एक सफल बिजनेसपर्सन थे. वो एक इनवेस्टमेंट फर्म के को-फाउंडर रहे. इस फर्म ने सिलिकॉन वैली और बेंगलुरु में बिजनेस किया. कंजर्वेटिव पार्टी से जुड़ने के बाद 2015 में ही रिचमंड इलाके से चुनाव लड़कर सांसद बन गए. इसके बाद साल 2020 में जब तत्कालीन वित्त मंत्री साजिद जाविद ने पद छोड़ा. तो बोरिस जॉनसन ने सुनक को ये जिम्मेदारी दे दी. और आज वे ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बन गए. ये ऋषि सुनक की छोटी सी कहानी है.

सोशल मीडिया पर बहस

भारत में ऋषि सुनक की हिंदू पहचान और पाकिस्तान में उनकी स्थानीयता को लेकर चर्चा ज्यादा हो रही है. भारतीय मीडिया और सोशल मीडिया में भी कई जगहों पर उन्हें "प्राउड हिंदू" बताया जा रहा है. उधर, पाकिस्तान वाले भी उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि को ज्यादा सेलिब्रेट कर रहे हैं. 

इमरान रियाज नाम के एक शख्स ने ट्विटर पर लिखा कि ऋषि सुनक को लेकर दावा करने की रेस चल रही है. उन्होंने ट्वीट किया, 

"उनके (सुनक) दादा रामदास सुनक गुजरांवाला से थे और 1935 में केन्या चले गए. पाकिस्तानी मूल के एक पंजाबी हिंदू ब्रिटेन के प्रधानमंत्री होंगे."

ट्विटर पर हेजी रॉक नाम के एक यूजर ने लिखा, 

"ऋषि सुनक मूल रूप से पाकिस्तान के गुजरांवाला से संबंध रखते हैं, इसलिए वे पाकिस्तानी ओरिजिन के हैं."

पाकिस्तान से आने वाले अधिकतर ट्वीट इसी तरह के हैं. जिनमें सुनक के गुजरांवाला वाले इतिहास को दोहराया जा रहा है. वहीं कुछ ऐसे भी लोग हैं जो मानते हैं कि भारत और पाकिस्तान को इसपर साझे रूप से गर्व करना चाहिए.

लाहौर के रहने वाले याकूब खान ने 24 अक्टूबर को एक ट्वीट किया, 

"इस उम्मीद के साथ सोने (अमेरिका में) जा रहा हूं कि गुजरांवाला का एक पंजाबी सुबह यूके का प्रधानमंत्री बनेगा. पाकिस्तान और भारत को इस मौके पर संयुक्त रूप से गर्व करना चाहिए."

वहीं भारत में कई लोग सुनक के हिंदू होने और भारतीय मूल को सेलिब्रेट कर रहे हैं. दक्षिण भारतीय फिल्मों की एक्टर प्रणिता सुभाष ने सुनक की एक तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, 

"गर्व है कि एक भारतीय अब ब्रिटेन का प्रधानमंत्री है. ऋषि सुनक, आपने भारतीयों और हिंदुओं को गर्व से भर दिया."

बीजेपी सांसद रवि किशन ने ट्विटर पर लिखा, 

"ऐतिहासिक दिन, ऋषि सुनक यूके के सबसे युवा प्रधानमंत्री बने. हम सभी हिंदुओं के लिए बहुत ही गर्व वाला पल है. पहले भारतीय ब्रिटिश को यूके पीएम बनने पर बधाई."

केन्या वालों ने भी सेलिब्रेट किया

सिर्फ भारत और पाकिस्तान ही नहीं, केन्या के लोग भी सुनक को सेलिब्रेट कर रहे हैं. क्योंकि उनके पिता का जन्म नैरोबी में हुआ था. केन्याई सांसद कलेब अमिसी ने ट्विटर पर लिखा, 

"हमारे लिए न्यूज चैनलों पर दो तरह की खबरें हैं, एशियाई मूल के ऋषि सुनक यूके के नए प्रधानमंत्री बने जिनका संबंध केन्या से भी रहा है. वहीं दूसरी खबर है कि केन्या पुलिस ने एक पाकिस्तानी पत्रकार की हत्या कर दी. सकारात्मक और नकारात्मक दोनों खबरें आपको प्रसिद्धि देती है."

जियो न्यूज के मुताबिक, विभाजन से पहले गुजरांवाला में बड़ी संख्या में हिंदू समुदाय के लोग रहते थे. जब सांप्रदायिक दंगे हुए तो अधिकतर हिंदू और सिख परिवार वहां से पलायन कर गए. आज का गुजरांवाला एक घनी आबादी वाला शहर है, जहां कई संकरी गलियां हैं. सुनक का परिवार आजादी से कई साल पहले शहर छोड़ चुका था.

इन सब बहसों के बीच ऋषि सुनक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बन चुके हैं. उन्होंने अपनी पूर्वर्ती लिज ट्रस की ‘गलतियों’ को सुधारने की बात कही है. साथ ही ये भी कहा है कि उनकी प्राथमिकता साल 2019 के चुनाव के दौरान कंजर्वेटिव पार्टी की तरफ से ब्रिटेन के लोगों को किए गए वादों को पूरा करने की होगी.

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