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'Chroming Challenge' के चक्कर में 12 साल के लड़के को आया हार्ट अटैक, ये कैसा ट्रेंड है?

क्रोमिंग चैलेंज में पदार्थों के इस्तेमाल के बाद कमहोशी आ जाती है. अमेरिकन एडिक्शन सेंटर के अनुसार ये जानलेवा हो सकता है. ऐसे केमिकल्स की वजह से चक्कर आना, उल्टी, हृदय गति रुकना, ब्रेन डैमेज और कभी-कभी मौत भी हो सकती है.

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डॉक्टरों ने किंग को कई बार दिल का दौरा पड़ने के कारण दो दिन के लिए कोमा में डाल दिया. आठ दिन में वो ठीक हो गए और उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. (फोटो- सोशल मीडिया)

UK के साउथ यॉर्कशायर स्थित डॉनकास्टर में एक 12 साल के लड़के को टिक टॉक पर 'क्रोमिंग' चैलेंज (Chroming challenge) नाम का टास्क पूरा करने के बाद हार्ट अटैक आ गया. हालांकि लड़के की जान बच गई. रिपोर्ट्स के मुताबिक लड़के ने अपने घर पर डियोड्रेंट का एक पूरा कैन सूंघ डाला था.

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21 अगस्त को 'क्रोमिंग' चैलेंज पूरा करने के बाद डॉनकास्टर के रहने वाले सीजर वॉटसन किंग को हार्ट अटैक आ गया था. अंतरराष्ट्रीय न्यूज आउटलेट मेट्रो में छपी रिपोर्ट के मुताबिक जिस वक्त किंग को हार्ट अटैक आया उस समय उसकी मां निकोला किंग अपने सबसे छोटे बच्चे को स्तनपान करा रही थीं. तभी उन्हें एक जोरदार आवाज सुनाई दी. वो तुरंत भागते हुए नीचे पहुंचीं और पाया उनका बेटा रसोई की फर्श पर बेहोश हालत में पड़ा था.

सीज़र किंग को तुरंत अस्पताल ले जाया गया. डॉक्टरों ने किंग को कई बार दिल का दौरा पड़ने के कारण दो दिन के लिए इनड्यूज्ड कोमा में डाल दिया. आठ दिन में वो ठीक हो गया और उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. निकोला ने मेट्रो को बताया,

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"मैंने इससे पहले क्रोमिंग चैलेंज के बारे में नहीं सुना था. एक अन्य लड़के ने मुझे दिखाया था कि ये कैसे किया जाता है. जब पुलिस ने मुझे बताया कि उसने क्या सूंघा था, तो मुझे लगा था कि उसकी जान नहीं बचेगी. मुझे डिब्बे के पीछे लिखी चेतावनी पता थी, जिसमें लिखा था 'सॉल्वेंट का दुरुपयोग तुरंत मौत का कारण बनता है."

Chroming Challange क्या है?

क्रोमिंग चैलेंज में हेयर स्प्रे, गैसोलीन, नेल पेंट थिनर, स्प्रे पेंट और अन्य घातक केमिकल्स को सांस के ज़रिए अंदर लिया जाता जाता है. इन पदार्थों का इस्तेमाल कमहोशी के लिए किया जाता था. हालांकि अमेरिकन एडिक्शन सेंटर के अनुसार ये जानलेवा हो सकता है. ऐसे केमिकल्स की वजह से चक्कर आना, उल्टी, हृदय गति रुकना, ब्रेन डैमेज और कभी-कभी मौत भी हो सकती है.

इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक साल 2017 में आई फोर्ब्स की Substance Abuse and Mental Health Services Administration की रिपोर्ट बताती है कि 2015 में 17 से 27 वर्ष की आयु के कम से कम 6 लाख 84 हजार युवाओं ने जानलेवा केमिकल्स को सांस के माध्यम से ग्रहण किया था.

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पहले भी कई और केस सामने आए

सीजर वॉटसन किंग जैसा मामला पहला नहीं है. मेट्रो के मुताबिक इसी साल लैंकशर के रहने वाले 11 वर्षीय टॉमी ली ग्रेसी बिलिंगटन की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी. 2023 में ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न की एसरा हेन्स की भी डियोड्रेंट सूंघने के कारण मृत्यु हो गई थी. ट्रेंड फॉलो करते वक्त केंट के रहने वाले 12 वर्षीय टेगन सोलोमन को भी हार्ट अटैक आया था. समय पर इलाज मिलने की वजह से उनकी जान बच गई थी.

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