धरती की तरफ एक आसमानी आफत बड़ी तेजी से आगे बढ़ रही है. स्पीड यही कोई 51 हजार किलोमीटर प्रति घंटा. कुतुब मीनार से भी नौ गुना बड़ा ये एस्टेरॉइड 11 जुलाई को पृथ्वी के सबसे करीब होगा. ये दुर्लभ घटना भले ही बड़ी खतरनाक मानी जा रही है, लेकिन वैज्ञानिकों के लिए ये ‘आपदा में अवसर’ है. मगर कैसे?
कुतुब मीनार से नौ गुना बड़ा एस्टेरॉइड आ रहा है धरती की तरफ, बस इतने दिन बचे हैं...
कुतुब मीनार से भी नौ गुना बड़ा ये Asteroid, 11 जुलाई को पृथ्वी के सबसे करीब होगा. इस एस्टेरॉइड को VO5 नाम दिया गया है. जो तकरीबन 51 हजार किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से पृथ्वी की तरफ बढ़ रहा है. क्या बला है ये ‘VO5’?

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, इस एस्टेरॉइड को VO5 नाम दिया गया है. जो 51,732 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से पृथ्वी की तरफ बढ़ रहा है. इसका आकार 660 मीटर है. इस एस्टेरॉइड पर NASA की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी (JPL) बड़ी बारीकी से नजर रख रही है. ये पृथ्वी से लगभग 6,086,084 किलोमीटर की दूरी से गुजरेगा. पढ़ने-सुनने में यह दूरी बहुत बड़ी लग सकती है, लेकिन खगोलीय पैमाने पर अगर देखा जाए तो यह दूरी बहुत कम मानी जाती है.
'आपदा में अवसर'इस एस्टेरॉइड का धरती के करीब से गुजरना भले ही बहुत खतरनाक माना जा रहा हो. लेकिन वैज्ञानिकों के लिए ये ‘आपदा में अवसर’ है. रिपोर्ट के मुताबिक, वैज्ञानिकों के लिए एस्टेरॉइड की विशेषताओं के बारे में गहराई से स्टडी करने का ये एक बढ़िया मौका है. यह दुर्लभ घटना वैज्ञानिकों को जरूरी डेटा इकट्ठा करने में मदद करेगी. जिससे ऐसे खगोलीय पिंडों और उनकी गतिविधियों के बारे में जानने में मदद मिल सके. साथ ही भविष्य के स्पेस मिशनों के बारे में रणनीतियां बनाने में मदद मिलेगी.
NASA हमेशा से VO5 जैसे एस्टेरॉइड पर सतर्कता से नजर रखता आया है. ताकि किसी भी संभावित जोखिम का आकलन किया जा सके. JPL इस एस्टेरॉइड की ऑर्बिट की जांच करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
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पहले भी आ चुका है धरती के करीब
ऐसा पहली बार नहीं है जब ये एस्टेरॉइड धरती के इतने करीब से गुजर रहा है. इससे पहले 1 जुलाई 1988 को आखिरी बार यही एस्टेरॉइड धरती के सबसे करीब से गुजरा था. वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि 2025 के बाद अब VO5 एस्टेरॉइड 2062 तक पृथ्वी के इतने करीब कभी नहीं आएगा.
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