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केरला स्टोरी क्यों थिएटर से गायब, सुप्रीम कोर्ट में तमिलनाडु सरकार ने क्या कमियां गिना डालीं?

'ढंग के एक्टर नहीं, एक्टिंग नहीं की...'

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तमिलनाडु सरकार ने कहा फिल्म के निर्माता साफ झूठ बोल रहे हैं | फाइल फोटो: आजतक

तमिलनाडु में 'द केरल स्टोरी' फिल्म पर बैन नहीं लगा है. ऐसा खुद राज्य सरकार ने कहा है. सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर बताया है कि तमिलनाडु में फिल्म 'द केरल स्टोरी' की स्क्रीनिंग पर किसी तरह की रोक नहीं लगाई गई है. उसका साफ़ कहना है कि फिल्म निर्माता की ये दलील बिलकुल गलत है कि राज्य में फिल्म दिखाने पर रोक जैसे हालात हैं.

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फिल्म निर्माता क्यों पहुंचे कोर्ट?

'द केरल स्टोरी' के निर्माताओं ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी. इसमें मांग की थी कि जिन राज्यों में फिल्म पर बैन लगा है, वहां से बैन हटाया जाना चाहिए. इसके बाद कोर्ट ने फिल्म निर्माता की याचिका पर सुनवाई करते हुए पूछा था कि जब देश के दूसरे हिस्सों में फिल्म 'द केरल स्टोरी' शांति से चल रही है तो बंगाल और तमिलनाडु में ही फिल्म के प्रदर्शन पर बैन क्यों लगा है? दोनों राज्य की सरकार फिल्म आखिर क्यों नहीं चलने देना चाहती?

कलाकारों के घटिया प्रदर्शन के चलते गड़बड़ हुई?

आजतक से जुड़े संजय शर्मा की एक रिपोर्ट के मुताबिक सोमवार, 15 मई को तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के इस सवाल का जवाब दिया. उसने ने कहा कि ये फिल्म 5 मई को राज्य के 19 मल्टीप्लेक्स में रिलीज हुई. लेकिन, फिल्म में जाने पहचाने कलाकारों के न होने, कलाकारों के घटिया प्रदर्शन और फिल्म देखने आ रहे दर्शकों की संख्या में कमी के चलते सिनेमाघर मालिकों ने खुद ही फिल्म की स्क्रीनिंग को बंद कर दिया.

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फिल्म बनाने वाले झूठ बोल रहे हैं?

तमिलनाडु सरकार के मुताबिक फिल्म के निर्माताओं ने झूठा बयान दिया है कि राज्य सरकार ने फिल्म की स्क्रीनिंग पर प्रतिबंध लगाया है. राज्य सरकार की दलील है कि फिल्म की स्क्रीनिंग करने वाले सभी सिनेमाघरों के लिए पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की गई थी. 5 मई को पुलिस महानिदेशक ने राज्य के सभी पुलिस आयुक्तों और जिला पुलिस अधीक्षकों को सिनेमाघरों को पर्याप्त सुरक्षा देने का आदेश भी दिया था.

राज्य ने फिल्म की स्क्रीनिंग की सुविधा के लिए सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए और यह सुनिश्चित किया कि थिएटर मालिक और दर्शक सुरक्षित रहें. इसके लिए 965 से अधिक पुलिसकर्मी, 25 डीएसपी उन 21 थिएटरों की सुरक्षा के लिए तैनात किए गए थे, जहां फिल्म की स्क्रीनिंग की गई थी.

तमिलनाडु सरकार ने हलफनामे में कहा है कि पुलिस सुरक्षा में थिएटर मालिक कुछ मुस्लिम संगठनों के विरोध के बावजूद 5 मई और 6 मई को पूरे राज्य में फिल्म की स्क्रीनिंग करने में कामयाब रहे. लेकिन, आम जनता में इस फिल्म को लेकर अच्छे रिस्पॉन्स की कमी के कारण, राज्य के थिएटर और मल्टीप्लेक्स मालिकों ने 7 मई से फिल्म का प्रदर्शन बंद करने का फैसला किया.

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तमिलनाडु सरकार ने हलफनामे में आरोप लगाया है कि 'द केरल स्टोरी' के निर्माता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर अनुचित लाभ लेने की कोशिश की है. ऐसे में फिल्म निर्माता के भ्रामक बयान वाली ये याचिका खारिज की जानी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर अगली सुनवाई 17 मई को होगी.

वीडियो: दी केरला स्टोरी को लेकर जम्मू के मेडिकल कॉलेज में शुरू हुआ बवाल मारपीट तक कैसे पहुंच गया?

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