अहमदाबाद में 12 जून को हुए प्लेन क्रैश के बाद एयर इंडिया ने बोइंग 787 विमानों की जांच की है. एयर इंडिया की सस्ती एयरलाइन कंपनी एयर इंडिया एक्सप्रेस ने भी बोइंग 737 विमानों को चेक किया. DGCA (डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन) की हिदायत पर इन सभी विमानों के फ्यूल कंट्रोल स्विच के लॉकिंग मैकेनिज्म की जांच की गई. इसके बाद मंगलवार, 22 जून को एयर इंडिया ने बताया कि जांच के दौरान किसी भी विमान में कोई खराबी नहीं पाई गई.
एयर इंडिया प्लेन क्रैश: बोइंग विमानों के फ्यूल कंट्रोल स्विच को लेकर जांच रिपोर्ट में बड़ा दावा
Ahmedabad Plane Crash: DGCA के आदेश के बाद Air India ने अपने बेड़े के Boeing 787 विमानों की जांच की, जबकि Air India Express ने Boeing 737 विमानों को चेक किया.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, टाटा ग्रुप की एयर इंडिया ने 12 जुलाई को बोइंग 787 की जांच की शुरुआत की थी और तय समय सीमा के भीतर इसे पूरा किया. कंपनी ने कहा कि उसने यह जांच पूरी करके रिजल्ट्स DGCA को भी सौंप दिए हैं. एयर इंडिया ने अपने बयान में कहा,
"जांच में बताए गए लॉकिंग मैकेनिज्म में कोई समस्या नहीं पाई गई. एयर इंडिया ने 12 जुलाई को खुद से ही इन्सपेक्शन शुरू कर दिया था और DGCA की निर्धारित समय सीमा के अंदर इसे पूरा कर लिया. रेगुलेटर को इसकी जानकारी दे दी गई है. एयर इंडिया यात्रियों और चालक दल के सदस्यों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है."
इस जांच की शुरुआत अहमदाबाद में हुए उस हादसे के बाद हुई, जिसमें एयर इंडिया का एक बोइंग 787-8 विमान उड़ान भरने के कुछ समय बाद क्रैश हो गया था. शुरुआती रिपोर्ट में बताया गया कि दोनों इंजन फ्यूल की कमी के कारण बंद हो गए थे. इसकी वजह बताई गई फ्यूल कंट्रोल स्विच का ‘RUN’ से ‘CUTOFF’ मोड में चले जाना. इसके बाद DGCA ने फ्यूल कंट्रोल स्विच के लॉकिंग मैकेनिज्म की जांच करने का आदेश दिया था.
अमेरिका के फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) ने 2018 में एक स्पेशल एयरवर्थीनेस इनफॉर्मेशन बुलेटिन (SAIB) जारी किया था, जिसमें बोइंग के विभिन्न मॉडलों के फ्यूल कंट्रोल स्विच की जांच की सिफारिश की गई थी. इस बुलेटिन के बाद UAE की एतिहाद जैसी कुछ विदेशी एयरलाइनों ने एहतियातन खुद से जांच शुरू कर दी थी. हालांकि, FAA ने इसे असुरक्षित स्थिति नहीं बताया था, बस जांच करने की सलाह दी थी.
AI 171 प्लेन क्रैश की शुरुआती रिपोर्ट जारी होने के बाद एयर इंडिया ने अपनी मर्जी से 12 जुलाई को अपने बोइंग 787 बेड़े के स्विच लॉकिंग मैकेनिज्म की जांच शुरू कर दी थी. वहीं, 14 जुलाई को DGCA ने इंडिया में रजिस्टर्ड सभी बोइंग कमर्शियल एयरक्राफ्ट की SAIB की सिफारिश के अनुसार स्विच लॉक मैकेनिज्म की जांच का आदेश दिया था. एयरलाइन कंपनियों को यह काम 21 जुलाई तक पूरा करना था.
एक्सपर्ट्स का कहना है कि इन स्विचों का गलती से मूव करना बहुत मुश्किल है क्योंकि इन स्विचों के दोनों साइड पर ब्रैकेट्स होते हैं. जब पायलट स्विच को ऊपर उठाता है, तब ही लॉकिंग सिस्टम उसे ‘RUN’ और ‘CUTOFF’ के बीच बदलने की इजाजत देता है.
अब जांचकर्ताओं का ध्यान इस बात पर होगा कि स्विच का यह ट्रांजिशन कैसे हुआ. क्या यह पायलट की गलती से हुआ या फिर तकनीकी समस्या के कारण. अब तक की रिपोर्ट में यह नहीं कहा गया है कि स्विच को पायलट ने खुद मूव किया. इसलिए आगे की जांच में यह पता लगाया जाएगा कि इस घटना के पीछे क्या कारण था.
अहमदाबाद प्लेन क्रैश में कुल 274 लोगों की मौत हो गई थी.
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