एडम ने कहा, 'मेरा पेट खराब था. इसलिए जब मुझे पाद आया तो मैंने पाद दिया. मुझे पहले दो बार पीला कार्ड और फिर लाल कार्ड दिखाया जाता है. फुटबॉल में पहली बार मैं ऐसी अजीब सी हरकत देख रहा हूं. मैंने रेफरी से पूछा कि क्या मुझे पादने की इजाजत नहीं है. रेफरी ने इंकार किया. ये बात मेरे समझ में नहीं आई. शायद उन्होंने सोचा हो कि मैंने हाथ में पादकर उनकी तरफ फेंक दिया हो. पर सच्ची मैंने ऐसा नहीं किया.'रेफरी ने कहा, 'लिंडिन को पादने की वजह से मैंने पीला कार्ड दिखाया. मैं इसे गलत मानता हूं, क्योंकि उन्होंने ये जानबूझकर किया. ये खिलाड़ियों की हरकत नहीं है.'
मैच के पदोड़े फुटबॉलर को रेफरी ने किया बाहर
ये खबर नाक दबाके पढ़िए.
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फोटो - thelallantop
बंद कमरे में कोई पादे तो माहौल खराब होता है. सही बात. जीना मुश्किल सा हो जाता है. लेकिन सात समंदर पार एक ऐसा पाद बजा, सुंघाई दिया और सुनाई पड़ा. इस पाद की गूंज की वजह से फुटबॉल रेफरी को इतना गुस्सा आ गया कि पाद जनक फुटबॉलर को मैदान से बाहर निकाल दिया. द गार्जियन की खबर के मुताबिक, ये पाद किसी बंद कमरे के कोपचे में नहीं, फुटबॉल के मैदान में मारा गया था. स्वीडिश फुटबॉलर एडम लिंडिन ही वो शख्स हैं, जिनका मारा पाद फुटबॉल रेफरी को सनका देता है. ये मैच था जारना एसके रिजर्व और परशैगन एसके टीम के बीच. एडम ने मैच के दौरान ग्राउंड में पाद मारा था. रेफरी ने पहले दो बार पीला कार्ड दिखाया. फिर रेड कार्ड दिखाया. जिसके बाद एडम को मैदान छोड़ना पड़ा.
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