इस बीच थ्रेड पर मिजोरम के पूर्व राज्यपाल स्वराज कौशल की नजर पड़ी. उन्होंने थ्रेड में बताई गई कहानी को माहौल खराब करने वाला बताया. मिजोरम सरकार के साथ भारत सरकार के समझौते की भावना के खिलाफ बताया. यहां तक तो ठीक था लेकिन फिर उन्होंने एक ट्वीट कड़क अंदाज में किया. उन्होंने ट्वीट में लिखा-
"उम्मीद है तुम्हें पता होगा कि तुम क्या लिख रहे हो. एक FIR होते ही तुम्हें अपनी जिंदगी के कई बरस जेल में ट्रायल का सामना करते हुए गुजारने पड़ेंगे. इसलिए फिर सोच लो."
"मुझे अपना मैसेज मिल गया है. भारत में अभिव्यक्ति की कोई स्वतंत्रता (FOE) ही नहीं है. सरकार की ताकत ही सबकुछ तय करती है. मैं अपना थ्रेड और अकाउंट दोनों डिलीट कर रहा हूं"
ये ट्वीट करने के बाद भारद्वाज स्पीक्स नाम से ट्विटर हैंडल चलाने वाले यूजर ने अपना हैंडल डिलीट कर दिया. लेकिन बात यहीं खत्म नहीं हुई. लोगों ने सोशल मीडिया पर उसे खोजना शुरू कर दिया, और #BharadwajSpeaks ट्विटर पर ट्रेंड करने लगा.

स्वराज कौशल ने एफआईआर की बात क्या कही, ट्वीट करने वाले ने ट्विटर ही छोड़ दिया. (फोटो-ट्विटर)
ट्विटर पर लोगों ने बवाल काट दिया
ये मामला 29 जुलाई की रात को चलता रहा. 30 जुलाई की सुबह होते-होते इसे लेकर सरगर्मी बढ़ गई. दोनों तरफ के लोगों ने अपने हिसाब से इस मामले पर बात रखनी शुरू की. अनुराग सक्सेना ने लिखा-
"सवाल इस बात का नहीं है कि @BharadwajSpeaks परफेक्ट है या नहीं. सवाल ये है कि क्या किसी को अपना दृष्टिकोण रखने का हक है या नहीं."
नितिन लिखते हैं-
"ऐतिहासिक तथ्य लिखना कोई अपराध नहीं है. अगर इतिहास की सच्चाई से सेक्युलरिज्म और शांति को धक्का पहुंचता है तो ये फर्जी सेक्युलरिज्म और शांति है."
"मेरी चिंता इस बात की है कि मिजो क्या सोचेंगे. मैंने अपनी जिंदगी के बेहतरीन साल मिजो समझौते को दिए हैं. ये 35 साल से अच्छी तरह से चल रहा है. पूरी दुनिया मिजो समझौते की तारीफ करती है. इस तरह का लेखन इस समझौते को नुकसान पहुंचा सकता है."
स्वराज बोले, मिस कर रहा हूं @BhardwajSpeaks मामले की नज़ाकत को समझते हुए पूर्व गवर्नर स्वराज ने ट्वीट करके @BharadwajSpeaks से वापस आने का आग्रह किया. उन्होंने 29 जुलाई की देर रात ट्वीट किया-
"मेरे प्यारे @BharadwajSpeaks, मैं तुम्हें बहुत मिस कर रहा हूं. अगर तुम कहीं चले गए हो तो प्लीज वापस आ जाओ. अगर कोई तुम पर मुकदमा करता है जो मैं तुम्हारे बचाव में खड़ा हूंगा. मैं ऐसा तुम्हारे प्रति अपने स्नेह की वजह से कह रहा हूं. लेकिन याद रहे कि मैं अपने लिखे गए किसी भी शब्द के लिए खेद नहीं जता रहा हूं."
इस मैसेज को लिखने से पहले स्वराज कौशल ने मिजो जनजाति और भारत के बीच हुए समझौते को पवित्र बताया. उन्होंने कहा कि ये समझौता दिखाता है कि किस तरह हथियारों को छोड़कर एक संगठन मुख्यधारा का हिस्सा बन सकता है. उन्होंने कहा कि मिजोरम में रहने वाले सभी लोग भारतीय हैं.
खबर लिखे जाने तक #BharadwajSpeaks का हैशटैग ट्विटर पर ट्रेंड कर रहा था. स्वराज कौशल की तरह दूसरे लोग भी इस हैंडल की वापसी की उम्मीद कर रहे हैं.