ब्राज़ील (Brazil) के रियो डी जनेरियो में रविवार 6 जुलाई को हुए 17वें BRICS सम्मेलन में सदस्य देशों ने जॉइंट घोषणा पत्र (BRICS Declaration) जारी किया है. इसमें पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Attack) और ईरान पर अमेरिका और इज़रायली हमले की निंदा की गई है. इससे पहले 1 जुलाई को QUAD देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में भी पहलगाम हमले की निंदा की गई थी.
पहलगाम से लेकर गाज़ा तक BRICS सख्त, मोदी बोले- 'आतंक के साथ सहानुभूति नहीं'
BRICS on Pahalgam Attack: सदस्य देशों ने आतंकवाद के सभी कृत्यों को “आपराधिक और अनुचित” घोषित किया. PM Modi ने कहा कि आतंकवादियों के खिलाफ प्रतिबंध लगाने में बिल्कुल भी संकोच नहीं किया जाना चाहिए. Iran पर USA और Israel हमले की भी निंदा की गई है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, BRICS देशों ने पहलगाम हमले की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए एक संयुक्त बयान जारी किया. बयान में आतंकवाद के सभी कृत्यों को “आपराधिक और अनुचित” घोषित किया गया है. BRICS के संयुक्त घोषणापत्र में कहा गया है,
हम 22 अप्रैल 2025 को जम्मू और कश्मीर में हुए आतंकवादी हमले की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं. हम आतंकवाद के प्रति ज़ीरो टॉलरेंस सुनिश्चित करने और आतंकवाद का मुकाबला करने में दोहरे मानदंडों को अस्वीकार करने की अपील करते हैं.
नेताओं ने दोहराया कि आतंकवाद को किसी धर्म, राष्ट्रीयता या जातीय समूह से नहीं जोड़ा जाना चाहिए. समिट के दौरान पीएम नरेन्द्र मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ एक साथ लड़ने की अपील करते हुए शांति और भाईचारे के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा,
आतंकवाद मानवता के सामने सबसे गंभीर चुनौतियों में से एक है. हाल ही में भारत ने पहलगाम में एक अमानवीय और कायराना आतंकवादी हमले का सामना किया. यह पूरी मानवता पर हमला था. दोहरे मानदंडों के लिए कोई जगह नहीं है. अगर कोई देश आतंकवाद को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन देता है, तो उसे इसकी कीमत चुकानी होगी.
मोदी ने कहा कि आतंकवादियों के खिलाफ प्रतिबंध लगाने में बिल्कुल भी संकोच नहीं किया जाना चाहिए. हम आतंकवाद के पीड़ितों और उनके समर्थकों को एक ही तराजू पर नहीं तौल सकते. उन्होंने सभी देशों से निर्णायक कार्रवाई करने की अपील की.

उन्होंने कहा कि भारत महात्मा गांधी और गौतम बुद्ध की शिक्षाओं से प्रेरित होकर शांति के रास्ते पर चलना जारी रखेगा. परिस्थितियां चाहे कितनी भी मुश्किल क्यों न हों, मानवता के कल्याण के लिए शांति ही सर्वोत्तम मार्ग है.
ईरान पर US-इज़रायल के हमलों पर BRICSBRICS के घोषणापत्र में ईरान पर इज़रायल-अमेरिका के हमलों और गाज़ा में युद्ध की कड़ी निंदा की गई. ईरान के खिलाफ अमेरिका-इज़रायल के हमलों पर बयान में कहा,
हम 13 जून 2025 से ईरान के खिलाफ सैन्य हमलों की निंदा करते हैं. यह अंतरराष्ट्रीय कानून और UN चार्टर का उल्लंघन है. मिडल ईस्ट में सुरक्षा स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हैं. नागरिक ठिकाने और शांतिपूर्ण परमाणु सुविधाओं पर जानबूझकर किए गए हमलों पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हैं.
BRICS देशों ने मामले को सुलझाने के लिए राजनयिक पहलों की वक़ालत की. UN सिक्योरिटी काउंसिल से इस मामले पर ध्यान देने की भी अपील की.
गाज़ा पर BRICSगाज़ा पर लगातार हमलों पर BRICS देशों ने अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का पालन करने की अपील की. बयान में कहा,
हम अंतर्राष्ट्रीय कानून का पालन करने की अपील करते हैं. हम मानवीय मदद का राजनीतिकरण या सैन्यीकरण करने के प्रयासों की भी निंदा करते हैं. हम सभी पक्षों से अपील करते हैं कि वे तुरंत, स्थायी और बिना शर्त सीज़फायर, गाज़ा पट्टी और कब्ज़े वाले फिलिस्तीनी क्षेत्र के अन्य सभी हिस्सों से इज़रायली सेना की वापसी, सभी बंधकों की रिहाई और लगातार मानवीय मदद में शामिल हों.
इसके अलावा घोषणापत्र में 2026 में BRICS की अध्यक्षता के लिए भारत को पूरा समर्थन दिया गया. साथ ही 2028 में COP33 की मेजबानी के लिए भारत की उम्मीदवारी का स्वागत किया गया.
क्या है BRICS?BRICS 11 उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों का एक ग्रुप है. इनमें ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका, मिस्र, इथियोपिया, ईरान, संयुक्त अरब अमीरात (UAE), सऊदी अरब और इंडोनेशिया शामिल हैं. इसका मकसद इन देशों के बीच आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक सहयोग को बढ़ावा देना है.
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