सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी है जिसमें दिल्ली सरकार को आयुष्मान भारत योजना लागू कराने के लिए केंद्र के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) साइन करने को कहा गया था. हाई कोर्ट ने राजधानी दिल्ली में इस योजना को लागू करने के लिए 5 जनवरी तक MoU साइन करने का आदेश दिया था. इस आदेश को दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.
दिल्ली में नहीं लागू होगी आयुष्मान भारत योजना, हाई कोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट की रोक
भाजपा नेताओं ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी कि आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने के कारण दिल्ली के लोगों को स्वास्थ्य पर भारी खर्च उठाना पड़ रहा है. इसी पर कोर्ट ने केंद्र के साथ MoU साइन करने का आदेश दिया था.
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कई भाजपा नेताओं ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी कि आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने के कारण दिल्ली के लोगों को स्वास्थ्य पर भारी खर्च उठाना पड़ रहा है. उन्होंने कहा था कि दिल्ली एकमात्र केंद्रशासित प्रदेश है, जहां ये योजना अब तक लागू नहीं की गई है. और इसके कारण लोग 5 लाख तक की मुफ्त स्वास्थ्य व्यवस्था का लाभ नहीं ले पा रहे हैं.
17 जनवरी को जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने सुनवाई की. लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली सरकार की तरफ से पेश हुए सीनियर वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी कि हाई कोर्ट समझौते पर साइन करने का निर्देश नहीं दे सकता है. उन्होंने इसे नीतिगत फैसला बताते हुए कहा कि स्वास्थ्य का विषय केंद्र के क्षेत्राधिकार में नहीं आता है. सिंघवी ने कहा कि केंद्र की शक्ति राज्य सूची में एंट्री 1, 2 और 18 यानी पब्लिक ऑर्डर, पुलिस और जमीन के मामलों तक सीमित है.
सिंघवी ने हाई कोर्ट के आदेश पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि अगर इस समझौते पर साइन किया जाता है तो केंद्र सरकार को कुल खर्चे का 60 फीसदी योगदान देना होगा. हालांकि वो इसे चलाने का खर्चा नहीं उठाएगी. उन्होंने दावा किया कि दिल्ली सरकार की मौजूदा स्वास्थ्य योजना, आयुष्मान भारत योजना की तुलना में बड़ी आबादी को कवर करती है.
सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को नोटिस जारी किया. आला अदालत ने जवाब की मांग करते हुए हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी.
इससे पहले हाई कोर्ट ने 2017 में दाखिल की गई एक जनहित याचिका पर आदेश दिया था. कोर्ट ने कहा था कि आयुष्मान भारत योजना को लागू नहीं करके दिल्ली सरकार लोगों को इससे जुड़े लाभ से वंचित कर रही है. जबकि देश के 33 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश ऐसा कर रहे हैं.
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सितंबर 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आयुष्मान भारत योजना को लॉन्च किया था. इसे पीएम जन आरोग्य योजना (PM-JAY) भी कहते हैं. योजना नेशनल हेल्थ अथॉरिटी (NHA) के तहत चल रही है. इस योजना के तहत 10 करोड़ परिवारों को जोड़ने का लक्ष्य था. इस योजना के तहत एक परिवार को सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में इलाज के लिए सालाना पांच लाख रुपए का कवर मिलता है.
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