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पुलिस में भर्ती नहीं हो पाई तो बनी फर्जी SI, पुलिस अकादमी में ले ली ट्रेनिंग, फिर ऐसे खुली पोल

मोना बुगालिया ने सब-इंस्पेक्टर (SI) भर्ती परीक्षा दी थी, लेकिन उसका चयन नहीं हुआ. इसके बाद भी उसने राजस्थान पुलिस अकादमी (RPA) में ट्रेनिंग ले ली. ये सब उसने कैसे किया और फिर पकड़ी कैसे गई?

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जयपुर पुलिस ने मोना को सीकर जिले से गिरफ्तार किया है (फोटो: सोशल मीडिया)

राजस्थान पुलिस की फर्जी ‘लेडी सिंघम’ को जयपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है (Jaipur Fake SI Mona Bugaliya). पुलिस की वर्दी पहनकर धौंस दिखाती मोना बुगालिया उर्फ मूली देवी पिछले दो सालों से फरार चल रही थी. मोना ने फर्जी सब-इंस्पेक्टर (SI) बनकर न सिर्फ राजस्थान पुलिस अकादमी (RPA) में ट्रेनिंग ली थी, बल्कि हवाबाजी करने के लिए IPS अधिकारियों के साथ रील भी बनाई. 

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मामला क्या है?

आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, जयपुर की शास्त्रीनगर थाना पुलिस ने मोना को सीकर जिले से गिरफ्तार किया है. जहां वो स्टूडेंट बनकर रह रही थी. थानाधिकारी महेन्द्र सिंह ने बताया कि गुरुवार, 3 जुलाई को सीकर में एक मकान पर दबिश देकर आरोपी मोना बुगालिया को गिरफ्तार किया गया. जिसके बाद उसे जयपुर लाया गया. 

रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपी मोना मूलरूप से नागौर के डीडवाना की रहने वाली है. 2021 में उसने सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा दी थी. लेकिन उसका चयन नहीं हुआ. जिसके बाद उसने अपना नाम बदल लिया, जाली दस्तावेज बनाए और ‘मूली देवी’ बनकर राजस्थान पुलिस अकादमी (RPA) में ट्रेनिंग ली. उसे SI की वर्दी पहनकर लोगों पर रौब झाड़ते हुए भी देखा गया. इतना ही नहीं, मोना ने IPS और RPS रैंक के अधिकारियों के साथ रील भी बनाई. जो खूब वायरल हुई.

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फिर ऐसे खुली पोल!

RPA में पहचान पत्र (ID कार्ड) से एंट्री होती थी. लेकिन मूली देवी यानी मोना अधिकारियों से परिचय का लाभ उठाकर विशेष गेट से एंट्री लेती थी. यही नहीं, पुलिस की वर्दी में वीडियो बनाकर वह खुद को ‘लेडी सिंघम’ भी प्रेजेंट करती. रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 में मोना के इस नाटक का पर्दाफाश हुआ. जब उसने एक महिला कांस्टेबल को वॉट्सएप कॉल पर धमकी दी. इसकी शिकायत जब पुलिस तक पहुंची और रिकॉर्ड खंगाले गए तो पता चला कि 'मूली देवी' नाम की कोई भी एसआई RPA में चयनित ही नहीं हुई.

जांच-पड़ताल में सामने आया कि मोना बुगालिया ही 'मूली देवी' है. जो RPA में ट्रेनिंग ले रही है. जैसे ही इसकी भनक मोना को लगी, वो फरार हो गई. जिसे दो साल बाद अब पुलिस ने दबिश देकर गिरफ्तार किया है. जयपुर के एक कोर्ट में पेश कर उसे पांच दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा दिया गया.

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