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कौन है लॉरेंस बिश्नोई, जिसके साथी गोल्डी बराड़ ने सिद्धू मूसेवाला की हत्या की 'जिम्मेदारी' ली है?

गोल्डी बराड़ कनाडा में बैठकर अपना गैंग चलाता है. गोल्डी, गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के गैंग से जुड़ा हुआ है और साथ में काम करता है. लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने सिद्धू मूसेवाला को निशाने पर लिया हुआ था. बताया जाता है कि मूसेवाला ने बिश्नोई गैंग के विरोधी गैंग को सपोर्ट दिया था. अब पुलिस इस ऐंगल से भी जांच कर रही है.

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लॉरेंस बिश्नोई और सिद्धू मूसेवाला. (फोटो: सोशल मीडिया)

पंजाब के पॉपुलर सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या की जिम्मेदारी कनाडा बेस्ड एक गैंग ने ली है. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्रों के हवाले से खबर है कि सिद्धू मूसेवाला की हत्या की जिम्मेदारी गोल्डी बराड़ गैंग ने ली है. बताया जा रहा है कि गोल्डी बराड़ गैंग के पंजाब मॉड्यूल ने इस हत्या को अंजाम दिया है.

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रिपोर्ट के अनुसार, गोल्डी बराड़ का असली नाम सतिंदर सिंह है. ये कनाडा में बैठकर अपना गैंग चलाता है. गोल्डी, कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के गैंग से जुड़ा हुआ है और उसके साथ में काम करता है. खबरों के मुताबिक, लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने सिद्धू मूसेवाला को निशाने पर लिया हुआ था. बताया जाता है कि मूसेवाला ने बिश्नोई गैंग के विरोधी गैंग को सपोर्ट दिया था. अब पुलिस इस ऐंगल से भी जांच कर रही है.

कौन है लॉरेंस बिश्नोई?

लॉरेंस विश्नोई स्टूडेंट ऑर्गनाइजेशन ऑफ पंजाब यूनिवर्सिटी नाम का एक संगठन चलाता है. लेकिन पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में लॉरेंस विश्नोई एक आतंक का नाम है. पंजाब के फाजिल्का के अबोहर के रहने वाले लॉरेंस के पिता लविंद्र कुमार पंजाब पुलिस में कॉन्सटेबल रह चुके हैं. उसके पास पुश्तैनी जमीन के नाम पर करीब सात करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी है.

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पढ़ाई के दौरान ही उसने अपना छात्र संगठन सोपू बनाया और उसके बैनर तले स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा. उसके सामने चुनावी मैदान में उदय सह और डग का ग्रुप था, जिससे लॉरेंस चुनाव हार गया. इस हार के बाद चंडीगढ़ के सेक्टर 11 में फरवरी 2011 में एक दिन लॉरेंस और उसके विरोधी गुट का आमना-सामना हो गया. इस दौरान लॉरेंस ने उदय सह के ग्रुप पर फायरिंग कर दी. ये पहली बार था, जब लॉरेंस ने फायरिंग की थी. दूसरी तरफ से भी फायरिंग हुई. पुलिस ने जब केस दर्ज किया, तो उसमें लॉरेंस का भी नाम था. ये पहला मुकदमा था, जो लॉरेंस के नाम पर दर्ज हुआ था. इसके बाद से लेकर अब तक लॉरेंस पर करीब 50 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं, जिनमें से 30 में वो बरी हो चुका है.

साल 2011 में फिरोजपुर में एक फाइनेंसर के साथ लूट हुई थी, जिसमें लॉरेंस का नाम तो सामने आया, लेकिन उसपर केस दर्ज नहीं हो सका था. उसके बाद जब उसने फरवरी 2011 में अपने साथी छात्रनेता के ऊपर हमला किया, तो उसके ऊपर हत्या की कोशिश का मामला दर्ज हुआ. जेल जाने के बाद, वो जमानत पर रिहा हो गया था. इसके बाद फिर उसे प्वाइंट 5 बोर की पिस्टल और कारतूस के साथ गिरफ्तार किया गया. आगे 12 अगस्त 2012 को लॉरेंस के खिलााफ सेक्टर 34 थाने में हत्या की कोशिश, दंगा करने और कई और धाराओं में केस दर्ज किया गया था.

लॉरेंस हत्या, लूट, रंगदारी वसूलने जैसे अपराध करता रहा. जेल जाता रहा और जमानत पर रिहा होता रहा. 17 जनवरी 2015 को जब पंजाब की खरड़ पुलिस उसे कोर्ट में पेशी के लिए लेकर जा रही थी, तो वो पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया था. 4 मार्च 2015 को फाजिल्का पुलिस के फिर हत्थे चढ़ गया.

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जेल में रहकर चलाया नेटवर्क

लॉरेन्स जेल में रहा लेकिन जेल में रह कर भी वो अपना नेटवर्क चलाता रहा और अपराध करता रहा. लॉरेंस ने जेल से ही फोन करके सीकर के पूर्व सरपंच सरदार राव की अपने मोहाली के शूटर रविंदर काली को भेजकर 27 अगस्त 2017 को हत्या करवा दी. इतना ही नहीं जोधपुर में अपनी धाक जमाने के लिए लॉरेंस ने 17 सितंबर को सरेआम अपने शूटर हरेंद्र जाट और रविंदर काली से जोधपुर के कारोबारी वासुदेव इसरानी की हत्या करवा दी.

जानकारों का मानना कि लॉरेंस विश्नोई ने काले हिरण के शिकार को लेकर सलमान खान को मारने की धमकी दी. इसके पीछे एक वजह भी है. राजस्थान का विश्नोई समाज काले हिरण की पूजा करता है. सलमान खान पर काले हिरण को मारने के जो आरोप लगे हैं, ये मुकदमा भी विश्नोई समाज ही लड़ रहा है. लॉरेंस खुद विश्नोई समाज से आता है. खैर, फिलहाल सिद्धू मूसेवाला की मौत के पीछे किसका हाथ है ये तो जांच के बाद ही पता चलेगा. उनकी मौत के बाद राजनीति और सिनेमा इंडस्ट्री में हलचल बढ़ गई है. सिद्धू मूसेवाला से जुड़ी अन्य खबरें आपको हमारी वेबसाइट पर मिल जाएगी. जहां से आप उसे पढ़ सकते हैं.

वीडियो: पंजाब सिंंगर सिद्धू मूसे वाला की हत्या हाल ही में सुरक्षा वापिस ली गई थी

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