श्रद्धा मर्डर केस (Shraddha Murder Case) में अभी तक आरोप ये है कि आफताब (Aftab) ने अपनी लिव-इन पार्टनर की हत्या की और फिर उसके 30 से ज्यादा टुकड़े करके अलग-अलग जगह फेंक दिए. हालांकि, पुलिस अब एक जरूरी सवाल का जवाब खोज रही है. सवाल ये है कि क्या आफताब ने श्रद्धा का मर्डर अचानक से कर दिया या इस तरह हत्या करने का उसका पहले से प्लैन था. और इसी सवाल का जवाब हासिल करने के लिए पुलिस पॉलीग्राफ टेस्ट के बाद आफताब का नार्को टेस्ट (Narco Test) कराएगी.
आफताब ने श्रद्धा को अचानक से मारा या साजिश रची? पुलिस ऐसे पता लगाने वाली है
पुलिस को शक है कि आफताब बहुत शातिर तरीके से झूठ बोल रहा है.

आजतक के संवाददाता, अरविंद ओझा की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस पूछताछ में आफताब का कहना है कि श्रद्धा की हत्या 'हीट ऑफ मोमेंट' में हुई. यानी अचानक से ऐसा हो गया. लेकिन पूरे घटनाक्रम को देखते हुए पुलिस को इस बात पर शक है. पुलिस इस मर्डर में प्लैनिंग के तहत हत्या के एंगल को भी तलाश रही है.
अबतक आई जानकारी के मुताबिक आफताब, श्रद्धा के साथ हिमाचल जाने के लिए निकला. मुंबई (Mumbai) से श्रद्धा और आफताब ने हिल स्टेशन घूमने का प्लान बनाया था. मार्च-अप्रैल महीने में श्रद्धा और आफताब हिमाचल में हिल स्टेशन घूम रहे थे. अरविंद ओझा की रिपोर्ट के मुताबिक, इस दौरान आफताब की मुलाकात दिल्ली के छतरपुर के रहने वाले एक व्यक्ति से हुई थी. उसका नाम बद्री बताया जा रहा है. उससे मिलने के बाद आफताब ने श्रद्धा के साथ दिल्ली आने का प्लान बनाया.
रिपोर्ट के मुताबिक 8 मई को आफताब श्रद्धा के साथ दिल्ली आता है. पहले दोनों पहाड़गंज के होटल में रुकते हैं. फिर साउथ दिल्ली के सैदुलाजाब इलाके में. उसके बाद आफताब छतरपुर में एक फ्लैट लेता है. फ्लैट भी ऐसी जगह, जहां आसपास जंगल है. और फ्लैट लेने के तकरीबन 10 दिन के अंदर श्रद्धा की हत्या कर देता है.
और कहानी के इसी मोड़ पर पुलिस का शक गहराता है. इतना सबकुछ क्या अचानक से हुआ? या ये आफताब की एक सोची समझी साजिश थी?
इस बीच श्रद्धा का वो शिकायत पत्र भी सामने आया है, जिसमें उसने 2020 में मुंबई पुलिस से कहा था कि आफताब उसकी हत्या कर सकता है और उसके टुकड़े कर सकता है. यानी श्रद्धा को इस बात का अंदेशा पहले से ही था.
आफताब ने हत्या के बाद लाश के टुकड़े किए. फ्रिज खरीदा. फिर टुकड़ों को इस तरह से फेंका कि इकट्ठा ना किया जा सका. लाश के साथ उसी घर में रहा. क्या वाकई इतना सब अचानक से हुई हत्या के बाद हो सकता है? पूरे घटनाक्रम को जोड़ते हुए पुलिस इस केस में IPC की धारा 120 लगाने का प्रयास करेगी.
क्या है धारा 120 IPC?भारतीय दंड संहिता में इस धारा को दो भागों में बांटा गया है. पहला 120A और 120B. धारा 120A बताती है कि मामला क्रिमिनल कॉन्सपिरेसी का है या नहीं.
अगर दो या दो से अधिक लोगों के बीच किसी आपराधिक घटना को अंजाम देने के लिए कोई समझौता होता है, तो उसे क्रिमिनल कॉन्सपिरेसी माना जाएगा. जरूरी नहीं है कि अपराध को अंजाम दिया जाए. अगर दो या दो से अधिक लोगों के बीच ऐसा कोई समझौता होता है, तो भी ये क्रिमिनल कॉन्सपिरेसी के अंतरगत ही आएगा.
किसी भी केस में अगर ये सिद्ध होता है कि वारदात क्रिमिनल कॉन्सपिरेसी थी तो उसकी सजा IPC की धारा 120B के तहत दी जाती है. जिसमें दो साल या उससे अधिक की जेल, आजीवन कारावास या मृत्युदंड तक का प्रावधान है.
वीडियो: “मेरे टुकड़े करके फेंक देगा”, श्रद्धा ने आफताब की शिकायत में क्या कहा था?