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कोलकाता गैंगरेप केस: HC ने कहा- 'पूरे राज्य में बंद करो छात्र संघ ऑफिस', आदेश की वजह भी बताई

Kolkata Gang Rape Case: कलकत्ता हाईकोर्ट ने ये फैसला क्यों सुनाया है? कोर्ट में कोलकाता रेप केस को लेकर ऐसा क्या सामने आया?

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2017 के बाद से राज्य के किसी भी कॉलेज में छात्र संघ चुनाव नहीं हुए हैं (फोटो: इंडिया टुडे)

कोलकाता गैंगरेप केस की गंभीरता को समझते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) ने एक बड़ा फैसला लिया है. कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को निर्देश दिया है कि जब तक छात्र संघ चुनाव नहीं होते, तब तक राज्य भर के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के छात्र संघ कक्ष (यूनियन रूम) बंद रखे जाएं.

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इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, कोर्ट ने यह आदेश एडवोकेट सायन बनर्जी की एक जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई करते हुए पारित किया. इस याचिका में आरोप लगाया गया था कि दक्षिण कलकत्ता लॉ कॉलेज के छात्र संघ रूम में ही छात्रा के साथ बलात्कार किया गया था. जस्टिस सोमेन सेन और जस्टिस स्मिता दास की खंडपीठ ने उच्च शिक्षा विभाग को निर्देश दिया कि वह सभी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को नोटिस जारी करे. कोर्ट ने कहा कि इन कमरों को बंद कर दिया जाना चाहिए. साथ ही इनका इस्तेमाल किसी भी तरह की मनोरंजन की गतिविधियों के लिए नहीं किया जाना चाहिए.

बताते चलें कि 2017 के बाद से राज्य के किसी भी कॉलेज में छात्र संघ चुनाव नहीं हुए हैं. नतीजतन, वर्तमान में किसी भी कॉलेज या यूनिवर्सिटी में आधिकारिक छात्र परिषद मौजूद नहीं है. इससे पहले मार्च में जादवपुर यूनिवर्सिटी कैंपस में छात्र संघ चुनाव में देरी को लेकर बवाल हुआ था. तब छात्रों ने कथित तौर पर शिक्षा मंत्री पर हमला किया था. मंत्री की कार में तोड़फोड़ की गई और उनके साथ मारपीट की गई. 

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इस साल की शुरुआत में कलकत्ता यूनिवर्सिटी ने छात्र चुनाव होने तक अपने कैंपस में सभी यूनियन रूम्स को बंद रखने का फैसला लिया था. यूनिवर्सिटी ने दावा किया कि यूनियन रूम, छात्र समूहों के बीच झगड़े का केंद्र बन गए हैं. 

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क्या था पूरा मामला?

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, पीड़िता बुधवार, 25 जून की दोपहर परीक्षा संबंधी फॉर्म भरने के लिए कॉलेज पहुंची थी. मुख्य आरोपी मोनोजीत मिश्रा ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर उसका रेप किया. दो अन्य आरोपियों की पहचान 19 साल के जैब अहमद और 20 साल के प्रमित मुखर्जी के तौर पर हुई है.

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अपनी शिकायत में पीड़िता ने बताया कि मुख्य आरोपी ने उसके सामने शादी का प्रस्ताव रखा था. जिसे उसने ठुकरा दिया था. क्योंकि वो पहले से किसी रिश्ते में थी. उसने आरोप लगाया कि आरोपी मोनोजीत मिश्रा ने उसके बॉयफ्रेंड को भी जान से मारने और उसके माता-पिता को गिरफ्तार करवाने की धमकी दी. आगे दावा किया कि आरोपी ने उसे जबरन कॉलेज कैंपस में बंद कर दिया. विरोध के बावजूद उसे जबरन पकड़ा और उससे बलात्कार किया. पुलिस ने जांच के बाद तीनों आरोपियों को गुरुवार, 26 जून को गिरफ्तार कर लिया. जिसके बाद गुरुवार, 27 जून को उन्हें अलीपुर कोर्ट में पेश किया गया.

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