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बांग्लादेश के राष्ट्रपिता शेख मुजीबुर रहमान की मूर्ति पर चला बुलडोजर, वीडियो सामने आया

शेख मुजीबुर रहमान को बांग्लादेश के लोग राष्ट्रपिता मानते हैं. बांग्लादेश को पाकिस्तान से आज़ाद कराने में उनकी बहुत बड़ी भूमिका थी. उन्होंने ही भारत के साथ मिलकर बांग्लादेश को पाकिस्तान से आज़ादी दिलाई थी.

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बांग्लादेश के पूर्व राष्ट्रपति शेख़ मुजीबुर रहमान की मूर्ती को बुलडोज़र से गिरा दिया. (फ़ोटो/सोशल मीडिया)

बांग्लादेश के ‘राष्ट्रपिता’ कहे जाने वाले शेख मुजीबुर रहमान की प्रतिमा को गिराने की कोशिश की गई है. हिंसा की आग में जल रहे बांग्लादेश की राजधानी ढाका में 5 अगस्त की शाम को पूर्व राष्ट्रपति की प्रतिमा पर हमला किया गया. मुजीबुर रहमान की मूर्ति गिराए जाने का वीडियो भी सामने आया है. इसमें दिख रहा है कि प्रदर्शनकारियों की भारी भीड़ के बीच जेसीबी की मदद से मूर्ति की गर्दन को कई वार कर तोड़ दिया गया.

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इससे पहले उनकी बेटी शेख हसीना पीएम पद से इस्तीफ़ा देकर देश छोड़ गईं. इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने पहले उनके घर में घुसकर उत्पात मचाया. उसके बाद उनके पिता की मूर्ति को बुलडोज़र से गिराया. फिर हसीना की पार्टी आवामी लीग के दफ्तर में भी तोड़फोड़ की.

शेख मुजीबुर रहमान को बांग्लादेश के लोग राष्ट्रपिता के तौर पर मानते हैं. बांग्लादेश को पाकिस्तान से आज़ाद कराने में उनकी बहुत बड़ी भूमिका थी. उन्होंने ही भारत के साथ मिलकर बांग्लादेश को पाकिस्तान से आज़ादी दिलाई थी. यही कारण है कि मुजीबुर रहमान को भारत में 'बंगबंधु' के नाम से भी जाना जाता है. उनकी प्रतिमा तोड़े जाने का वीडियो भी सामने आया है.

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दूसरे वीडियो में प्रदर्शनकारी शेख़ हसीना की पार्टी आवामी लीग के दफ्तर के बाहर खड़े हैं. तोड़फोड़ कर रहे हैं.

सेना प्रमुख ने क्या-क्या कहा? 

शेख़ हसीना के इस्तीफ़ा देने के बाद सेना प्रमुख वकार-उज़-ज़मान ने लोगों से अपील की है कि हिंसा न करे. सेना पर भरोसा रखें. उन्होंने कहा,

"मैं पूरी जिम्मेदारी ले रहा हूं. हम एक अंतरिम सरकार बनाएंगे. देश को बहुत नुकसान हुआ है. अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा है. कई लोग मारे गए हैं. अब हिंसा रोकने का समय आ गया है. मुझे उम्मीद है कि मेरे भाषण के बाद स्थिति में सुधार होगा."

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उन्होंने कहा कि वह अंतरिम सरकार बनाने के लिए राष्ट्रपति से बात करेंगे और उन्होंने मुख्य विपक्षी दलों और नागरिक समाज के सदस्यों के साथ बातचीत की है.

शेख़ हसीना के इस्तीफे के बाद ढाका में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए. हजारों लोग सड़कों पर उतर आए. इससे पहले 4 अगस्त को पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पों में कम से कम 98 लोगों की मौत हो गई. वहीं पिछले महीने सरकार विरोधी प्रदर्शनों पर अधिकारियों की कार्रवाई के कारण लगभग 300 लोग मारे गए. मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि सरकारी नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ छात्रों ने विरोध शुरू किया था. उन्होंने हसीना के इस्तीफे की मांग की थी.

वीडियो: बांग्लादेश में पीएम शेख हसीना के इस्तीफे के बाद बवाल, PM हाउस में घुसे प्रदर्शनकारी क्या चुरा ले गए?

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