
150 kph की रफ्तार से गेंद फेंकने वाले शेन बॉन्ड ने अपनी स्पीड से समझौता नहीं किया.
# 2001 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना टेस्ट डेब्यू किया और 2003 में पहली बार वो अपनी पीठ में चोट के चलते टीम से बाहर हो गए. रीढ़ में दिक्कत के चलते ये बॉलर दो साल तक जूझता रहा. जानकारों ने सलाह दी कि अगर वो अपनी पेस को कम कर लें तो इंजरी से खुद को बचाया जा सकता है. मगर बॉन्ड जब भी मैदान पर उतरे, उसी स्पीड और जुनून से बॉलिंग की. इसी का खामियाजा भुगतते हुए, शेन बॉन्ड का करियर सिकुड़ता गया.
# 150 kph की रफ्तार से आती गेंदें, जिनमें इनस्विंग छिपी रहती थी, शेन बॉन्ड की गेंदबाजी की सबसे बड़ी खासियत थी. साथ ही अपनी यॉर्कर गेंदों के लिए भी इस बॉलर ने अपनी पहचान बनाई थी. न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच प्रतिद्वंदिता अपने चरम पर तब पहुंची जब शेन बॉन्ड टीम में शामिल हुए थे. शेन बॉन्ड ने रिकी पॉन्टिंग को पहले 6 मुकाबलों में इसी तरह आउट किया था. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉन्ड ने 44 वनडे विकेट लिए हैं. 2003 वर्ल्ड कप में 23 रन देकर 6 विकेट लेना और 2006-07 में ली गई हैट्रिक इस तेज गेंदबाज की सबसे यादगार परफॉर्मेंस हैं.
हैट्रिक का वीडियो देखिए:
https://youtu.be/vTrUzdu8dsw
# भरपूर टैलंट के बावजूद पहले इंजरी के चलते करियर डामाडोल रहा और फिर 2007 में इंडियन चैंपियन्स लीग (ICL)में खेलने के चलते दो साल के लिए बैन झेलना पड़ा. फिर 2009 के आखिर में फिर से खेलने का मौका मिला. पाकिस्तान के खिलाफ वो टेस्ट मैच बॉन्ड का आखिरी मैच साबित हुआ और अगले ही साल इस गेंदबाज ने क्रिकेट के हर फॉरमेट से रिटायरमेंट की घोषणा कर दी.
# 9 साल लंबे अपने करियर में शेन बॉन्ड ने 18 टेस्ट मैचों में 87 विकेट लिए. वहीं इस फास्ट बॉलर ने 82 वनडे इंटरनेशनल मैचों में 147 विकेट अपने नाम किए. बॉन्ड ने न्यूजीलैंड के लिए 20 टी-20 मैच भी खेले हैं जिनमें उन्हें 25 विकेट मिले थे.
https://youtu.be/0dEZmORJyKA
# शेन बॉन्ड को 2008 में शाहरुख खान की टीम कोलकाता नाइट राइडर्स ने 5 करोड़ रुपए में खरीदा था. वो 2010 तक इस टीम में रहे. ऑस्ट्रेलिया की बिग बैश लीग में बॉन्ड सिडनी थंडर के कोच भी रहे हैं. फिलहाल वो आईपीएल में मुंबई इंडियन्स के बॉलिंग कोच हैं.
# 2012 में बॉन्ड को न्यूजीलैंड के बॉलिंग कोच बनने की जिम्मेदारी मिली जो 2015 के वर्ल्ड कप तक जारी रही. इस दौरान बतौर बॉलिंग कोच ट्रेंट बोल्ट और टिम साउदी को ट्रेन करने के लिए बॉन्ड का अहम योगदान रहा है. 2015 वर्ल्ड कप में न्यूजीलैंड की टीम फाइनल तक पहुंची थी.
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