रॉबर्ट वाड्रा नए तरह के लफड़ों में फंसते नजर आ रहे हैं. एक डिफेंस कंसल्टेंट हैं संजय भंडारी. कम वक्त में गलत तरीकों से ज्यादा पैसे बनाने का आरोप है. दबाके छापेमारी हुई. कहा गया कि संजय भंडारी ने रॉबर्ट वाड्रा को लंदन में 9 करोड़ रुपये का घर खरीद कर दिया. दोनों के बीच ई-मेल बाजी की बात सामने आई. रॉबर्ट वाड्रा के वकीलों ने आरोपों को खारिज किया. लेकिन अब संजय भंडारी ने खुद मान लिया है कि छापेमारी के दौरान कंप्यूटर से जो ई-मेल के रिकॉर्ड मिले हैं, वो संजय, रॉबर्ट वाड्रा और उनके असिस्टेंट मनोज अरोड़ा के बीच हुई ई-मेल बाजी ही है. एनडीटीवी की खबर के मुताबिक, संजय भंडारी के घर पर ईडी और इनकम टैक्स ने छापेमारी की थी. इन छापेमारी में भंडारी के कंप्यूटर से कई मेल मिले. एक मेल खुद रॉबर्ट वाड्रा ने संजय को भेजा था. 4 अप्रैल को भेजी एक मेल के आखिर में साइन ऑफ की जगह पर आखिर में लिखा था,
'Cheers, Robert Vadra'
इन ई-मेल्स में लंदन में अपार्टमेंट खरीदने को लेकर बातचीत थी. एक मेल में संजय भंडारी के लंदन में रहने वाले रिलेटिव सुमित चड्ढा ने अपार्टमेंट के रिनोवेशन में करीब 27 लाख रुपये का खर्चा बताया. लेकिन ये खर्च बढ़कर 34 लाख रुपये हो गया.
इनकम टैक्स वालों ने संजय भंडारी की संपत्ति जिन देशों में है, उनसे खत लिखकर भंडारी की प्रॉपर्टी के बारे में जानकारी मांगी है. बता दें कि ये प्रॉपर्टी ब्रिस्टन स्कॉयर में है. कई ई-मेल्स के टाइटल इसलिए BS लिखे गए. लंदन का ये अपार्टमेंट मेफेयर प्रॉपर्टी के नाम पर है. ये दुबई बेस्ट कंपनी है. जांच एजेंसियों ने डबल टेक्सेशन एग्रीमेंट के जरिए लंदन के अपार्टमेंट के लिए असली मालिक के बारे में जानकारी मांगी है.
बता दें कि यहां रॉबर्ट वाड्रा इसलिए भी फंसते नजर आ रहे हैं. क्योंकि इनके जो असिस्टेंट हैं मनोज अरोड़ा. संजय भंडारी, सुमित चड्ढा और मनोज अरोड़ा के बीच की मेल्स जांच एजेंसियों को मिली हैं. कौन है संजय भंडारी?
भंडारी ऑफसेट इंडिया सॉल्यूशंस कंपनी के मालिक हैं. 2008 में एक लाख रुपये की पेड-अप कैपिटल के साथ कंपनी शुरू की थी. डिफेंस डील से जुड़ी डील्स में नाम आया. अप्रैल में ED और इनकम टैक्स वालों ने छापेमारी की. संजय भंडारी ने कुछ ही सालों में करोड़ों की प्रॉपर्टी बना ली है. संजय भंडारी की ही कंपनी OIS को 38 कॉम्बेट एयरक्राफ्ट के पार्ट्स की सप्लाई की एक डील मिली है. ये पार्ट्स इंडिया डेजॉल्ट एविएशन से खरीद रहा है. संजय भंडारी पर दर्जनों शैल कंपनियां बनाईं थीं. शैल कंपनियां यानी ऐसी नॉन ट्रैडिंग कंपनियां जो सिर्फ इसलिए बना दी जाती हैं, जिन्हें फ्यूचर में अपने फायदे के लिए इस्तेमाल किया जा सके.
संजय की वाइफ सोनिया इनमें से कई कंपनियों की डायरेक्टर्स हैं. बता दें कि सुमित चड्ढा संजय भंडारी के एसोसिएट हैं और लगातार रॉबर्ट वाड्रा से भी संपर्क में रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक, संजय भंडारी की कंपनियों ने शैल कंपनियों के जरिए करीब 70 करोड़ रुपये रिसीव किए.
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