उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर बन चुका है. अब बारी है बिहार के सीतामढ़ी की. यहां बनेगा माता सीता का भव्य मंदिर. इस भव्य मंदिर का निर्माण कार्य भी शुरू होने जा रहा है. आज 8 अगस्त को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस ऐतिहासिक परियोजना की आधार शिला रख दी है. सीतामढ़ी के पुनौराधाम में बनने वाला यह मंदिर परिसर 67 एकड़ भूमि में फैला होगा. अधिकारियों का दावा है कि सभी निर्माण कार्य 42 सप्ताह में पूरे कर लिए जाएंगे. इससे मंदिर परिसर का उद्घाटन अगले वर्ष सावन माह में संभव हो सकेगा.
राम के बाद अब सीता मंदिर, सीतामढ़ी में 882 करोड़ में बनेगा पुनौराधाम परिसर, पूरा प्लान आ गया
Punaura Dham Janki Mandir: बिहार के सीतामढ़ी स्थित पुनौराधाम में माता सीता मंदिर परिसर का शिलान्यास 8 अगस्त को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने किया. 67 एकड़ में बनने वाले इस भव्य मंदिर का निर्माण 882 करोड़ की लागत से 42 सप्ताह में पूरा किया जाएगा. इस परिसर का पूरा प्लान सामने आया है.

माता सीता के जन्मस्थान को लेकर नेपाल अपना दावा करता रहा है. भारतीय सीमा के पास मधेश प्रदेश की राजधानी जनकपुर के बारे में वहां के लोगों को मानना है कि यही जगह सीता की जन्मस्थली है. हालांकि, बिहार के सीतामढ़ी को भी उनकी जन्मस्थली बताया जाता है. माना जाता है कि सीतामढ़ी का पुनौरा गांव वो जगह है, जहां सीता जी भूमि जोतने के दौरान राजा जनक को मिली थीं.

हल का फल जिसे सीत कहते हैं, उससे टकराने के कारण जमीन में दबा वो कलश मिला, जिसमें कन्या थी, इसलिए उन्हें सीता नाम मिला. वृहद विष्णु पुराण के अनुसार सीता का जन्म जनकपुर से लगभग तीन योजन यानी 40 किलोमीटर दूर हुआ था. नेपाल में माता सीता के कथित जन्मस्थल और भारत की इस जगह के बीच लगभग इतनी ही दूरी है. इससे भी भारत के दावे को बल मिलता है कि सीता जी सीतामढ़ी में जन्मी थीं.
सीतामढ़ी के पुनौराधाम में सीता जी का पौराणिक मंदिर बना हुआ है. अब इसके पास ही 67 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया है. जहां मंदिर परिसर का निर्माण होगा. इस पूरे क्षेत्र को अब पर्यटन के हिसाब से विकसित किया जाएगा. तमाम सुविधाएं होंगी. माता सीता से जुड़े ऐतिहासिक साक्ष्य, तथ्य और कहानियों को भी विकसित किया जाएगा. विशाल परिसर में 151 फीट ऊंचा भव्य मंदिर तैयार किया जाएगा. मां जानकी कुंड का सौंदर्यीकरण किया जाएगा.

नए परिसर में मंदिर के चारों तरफ एक खास परिक्रमा पथ होगा. इसके अलावा परकोटा, यज्ञ मंडप, पर्यटकों के लिए संग्रहालय, ऑडिटोरियम, कैफेटेरिया, बच्चों के लिए खेल क्षेत्र, धर्मशाला, सीता वाटिका, लवकुश वाटिका, पार्किंग, मार्ग प्रदर्शनी समेत कई अन्य सुविधाओं को भी डेवलप किया जाएगा.
इस मंदिर के निर्माण पर 882 करोड़ 87 लाख रुपये खर्च होने की संभावना है. बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम पर इसकी मॉनीटरिंग की जिम्मेदारी है. मौजूदा योजना के मुताबिक, मंदिर संरचना के निर्माण कार्य पर भी 137 करोड़ 34 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे.

बिहार सरकार का मानना है कि उसकी इस महत्वाकांक्षी योजना से न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि क्षेत्र की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में भी सुधार आने की उम्मीद है.
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