बीते दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने दो परमाणु पनडुब्बियों को रूस के करीबी इलाकों में तैनात करने का आदेश दिया. अब इस पर रूस की प्रतिक्रिया आई है. क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि परमाणु से जुड़ी बयानबाजी से सभी को बहुत सावधान रहना चाहिए.
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Kremlin के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि परमाणु से जुड़ी बयानबाजी से सभी को बहुत सावधान रहना चाहिए. उनका इशारा अमेरिकी राष्ट्रपति Donald Trump की तरफ था. और क्या कहा उन्होंने?

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि ट्रंप के बयानों से पहले ही अमेरिकी पनडुब्बियां ड्यूटी पर थीं. ट्रंप के बयानों पर सीधे तौर पर प्रतिक्रिया न देते हुए, पेस्कोव ने परमाणु मामलों के संबंध में रूस का जिम्मेदारी भरा रुख दोहराया. उन्होंने कहा,
हमारा मानना है कि हर किसी को परमाणु संबंधी बयानबाजी में बहुत सावधान रहना चाहिए.
आगे कहा कि वे इस तरह के विवाद में शामिल नहीं होना चाहेंगे और इस पर किसी भी तरह की टिप्पणी नहीं करना चाहेंगे. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि रूस, ट्रंप के एलान को परमाणु तनाव में बढ़ोतरी नहीं मानता.
कहां से शुरू हुआ विवाद?बीते दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ और अतिरिक्त पेनल्टी लगाने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि भारत पर पेनल्टी इसलिए लगाई है क्योंकि वो रूस से लगातार सैन्य उपकरण खरीद रहा है. यहां ट्रंप ने रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमत्री मेदवेदेव का जिक्र किया. उन्होंने कहा,
रूस के असफल पूर्व राष्ट्रपति मेदवेदेव खुद को अभी भी राष्ट्रपति समझते हैं. उनको अपनी बातों पर ध्यान देना चाहिए. वो बहुत ही खतरनाक क्षेत्र में प्रवेश कर रहे हैं.
इस पर मेदवेदेव का भी जवाब आया और उन्होंने कहा ट्रंप का हर नया अल्टीमेटम, रूस और अमेरिका के बीच युद्ध के खतरे को बढ़ा सकता है. जिसके जवाब में ट्रंप ने दो परमाणु पनडुब्बियों को रूस के करीबी क्षेत्रों में तैनात करने का आदेश दिया. अब इसे लेकर ही क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव की प्रतिक्रिया आई है.
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बातचीत के दौरान जब उनसे पूछा गया कि क्या क्रेमलिन ने पूर्व राष्ट्रपति मेदवेदेव को सलाह नहीं दी कि ट्रंप के साथ ऑनलाइन बातचीत में उन्हें संयम बरतना चाहिए, तो पेस्कोव ने सीधे जवाब देने से इनकार कर दिया. पेस्कोव ने यह कहते हुए अपनी बात खत्म की कि रूसी विदेश नीति राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के डायरेक्शन में बनी हुई है.
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