The Lallantop

उदयपुर: सिर धड़ से अलग करने के बाद भी कन्हैया लाल का शव उठाने में देर क्यों हुई?

इस हत्या की सूचना फैलते ही व्यापारी और हिंदू संगठन के लोग इकट्ठा हो गए थे.

Advertisement
post-main-image
कन्हैया लाल के मौत की खबर के बाद शहर में भड़की हिंसा.

राजस्थान (Rajasthan) के उदयपुर (Udaipur) में कन्हैया लाल (Kanhaiya Lal) की बर्बर हत्या के बाद उनके परिजनों में गहरा शोक का माहौल है और उन्होंने सरकार के सामने अपनी कई मांगे रखी हैं. साथ ही ये बात भी सामने आई है की मृतक का शव उठाने में भी काफी देरी हुई.

Advertisement

आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक जैसे ही निर्मम हत्या की सूचना शहर में फैली, कई व्यापारी और हिंदू संगठन मौके पर पहुंच गए. उन्होंने शव उठाने से इंकार कर दिया और परिवार को आर्थिक मदद तथा सरकारी नौकरी देने की मांग पर अड़ गए. बाद में पुलिस मौके पर आई, और लाश को कब्ज़े में ले लिया गया. 29 जून को दिन के वक्त लाश को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया था.

वहीं, राजस्थान पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों- मोहम्मद रियाज अख्तारी और मोहम्मद गोस को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. ये दोनों आरोपी खांजीपीर में वेल्डिंग का काम करते हैं. वहीं कन्हैया लाल लंबे समय से मालदा स्ट्रीट में दर्जी का काम कर रहे थे.

Advertisement
NIA करेगी जांच!

केंद्र इस मामले को आतंकी घटना के रूप में देख रहा है और मामले की पड़ताल के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को उदयपुर भेजा गया है. उन्हें ये पता लगाना है कि इन व्यक्तियों का आतंकी संगठन ISIS से तो कोई लिंक नहीं है.

इसके साथ ही उदयपुर में कुछ हिस्सों में बीती रात कर्फ्यू लगा दिया गया था और किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए अतिरिक्त 600 सुरक्षाबलों की फोर्स तैनात की गई है.

कन्हैया लाल ने निलंबित बीजेपी प्रवक्ता नुपूर शर्मा के समर्थन में कथित तौर पर आपत्तिजनक सोशल मीडिया पोस्ट किया था. इसके बाद उनके खिलाफ शिकायत की गई थी. पुलिस ने कन्हैया लाल को गिरफ्तार भी किया था, लेकिन अगले ही दिन उन्हें जमानत मिल गई थी. जेल से निकलते ही कन्हैया ने पुलिस को सूचित किया था कि उन्हें जान का खतरा है और पुलिस सुरक्षा की मांग की थी.

Advertisement

बाद में पुलिस प्रशासन ने दोनों पक्षों को बुलाकर समझौता करा दिया था, लेकिन इसके बावजूद ये जघन्य घटना हुई और कन्हैया लाल की हत्या कर दी गई.

समझौता कराने के लिए धनमंडी पुलिस स्टेशन के असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर (ASI) को निलंबित कर दिया गया है. प्रदेश सरकार ने मृतक के परिजनों को 31 रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है. इसके अलावा परिवार के दो सदस्यों को संविदा पर नौकरी दी जाएगी.

Advertisement