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राहुल गांधी बस इस कानूनी पेच को सेट कर लें तो सांसदी वापस मिल जाएगी!

2024 का चुनाव भी लड़ लेंगे.

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राहुल गांधी को क्या-क्या करना होगा? (तस्वीर - गेटी)

राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की सांसदी चली गई है. सूरत की सेशन्स कोर्ट ने उन्हें एक मानहानि मामले में दोषी क़रार दिया. दो साल की जेल हुई. तुरंत बेल मिल गई, लेकिन इसके आधार पर लोकसभा सचिवालय ने उनकी सदस्यता रद्द कर दी. इस बीच तरह-तरह के सवाल उठ रहे हैं. मसलन, राहुल गांधी अब क्या करेंगे, उनके पास क्या विकल्प हैं और कानून क्या कहता है?

कांग्रेस नेताओं ने इस क़दम की वैधता पर सवाल उठाया है. ये कहते हुए कि केवल राष्ट्रपति ही सांसदों को अयोग्य ठहरा सकते हैं. चुनाव आयोग से परामर्श के बाद. हालांकि, भाजपा ने असहमति जताई है. उन्होंने क़ानून का हवाला दिया. कहा कि क़ानून के हिसाब से राहुल अयोग्य हैं.

हमने इस मामले में बात की सुप्रीम कोर्ट के वक़ील एम एल लोहाती से. उन्होंने हमें बताया,

"संविधान की धारा 102-1(E) और जनप्रतिनिधित्व ऐक्ट की धारा-8(3) के तहत ये डिस्क्वॉलिफ़िकेशन हुई है. अब उनके पास यही ऑप्शन है कि जो आदेश सूरत की सेशन कोर्ट ने दिया है, राहुल उसे चुनौती दें. या तो वो ऐपिलेट कोर्ट जाएं, जहां लोअर कोर्ट के फ़ैसलों पर रिव्यू होता है. या सीधे हाई कोर्ट चले जाएं. अगर हाई कोर्ट इस आदेश पर स्टे लगा देता है और अगर ये अपील करें, तो सदस्यता वापस मिल सकती है.

जहां तक चुनाव लड़ने का सवाल है, अभी ये बहुत बड़ी चिंता नहीं है. मुझे लगता है वो 1-2 दिन में ही उच्च न्यायालय जाएंगे और प्रयास तो यही करेंगे कि फ़ैसला उनके पक्ष में आ जाए."

इसके अलावा राहुल के पक्ष में एक और बात है. सुप्रीम कोर्ट का एक फ़ैसला. लोक प्रहरी बनाम इलेक्शन कमिशन (2008) केस में कोर्ट ने कहा था,

“अपील के लंबित रहने के दौरान अगर फ़ैसले पर रोक लग जाती है, तो फ़ैसले की वजह से जो अयोग्यता है, वो प्रभावी नहीं रहेगी.”

हालांकि, ये स्पष्ट नहीं है कि गांधी को वही सीट वापस मिलेगी या नहीं क्योंकि उन्हें स्पीकर की अयोग्यता अधिसूचना को अलग से चुनौती देनी होगी.

वीडियो: राहुल गांधी का 10 साल पहले फाड़ा अध्यादेश अब क्या नुकसान करवा रहा?