The Lallantop

UPI पेमेंट अब असली नाम से ही होगी, नया सिस्टम समझ लें

UPI का प्रबंधन देखने वाली संस्था NPCI ने पेमेंट के तरीके में एक बड़ा बदलाव किया है. 30 जून 2025 से peer-to-peer (P2P) और peer-to-merchant (P2PM) पेमेंट सिर्फ बैंक के असली नाम (ultimate beneficiary name) पर ही होगा.

post-main-image
UPI में निकनेम बंद (तस्वीर: बिजनेस टुडे)

UPI से जुड़ी एक बेहद जरूरी खबर आई है. अरे नहीं, कल वाली बात नहीं बता रहे. कल यानी 12 मई की शाम को UPI से लेनदेन में एक बार फिर दिक्कत आई थी, वो सभी को पता है. अगर आप ऐसी स्थिति में फंसे तो आपको क्या करना चाहिए, वो भी हम आपको बता चुके हैं. आपकी सहूलियत के लिंक ये रहा. फिर क्या अपडेट है, आप यही पूछोगे. दरअसल अब UPI में सिर्फ और सिर्फ असली नाम से ही लेनदेन होगा. मतलब फर्जीवाड़ा काफी हद तक रुक जाएगा. पेमेंट भी अब पलक झपकने से पहले होगा.

आपको लग रहा होगा कि ऐसा तो पहले से है. नहीं जनाब, अब UPI का पैसा किसी क्यूआर कोड वाले नाम, कॉन्टैक्ट लिस्ट, निकनेम में नहीं जाएगा. बल्कि इसकी जगह ‘ultimate beneficiary name' के नाम पर ही जाएगा. बताते कैसे.

बैंक का नाम ही काम आएगा

UPI का प्रबंधन देखने वाली संस्था National Payments Corporation of India (NPCI) ने पेमेंट के तरीके में एक बड़ा बदलाव किया है. 30 जून, 2025 से peer-to-peer (P2P) माने एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को, और peer-to-merchant (P2PM), मतलब यूजर से दुकानदार को पेमेंट सिर्फ उसके बैंक के नाम से ही होगा.  

UPI के जरिए पेमेंट करने वालों की मौज, यूजर से लेकर दुकानदार तक के लिए लिमिट बढ़ने वाली है

माने बैंक में अगर नाम A है और क्यूआर कोड पर कुछ भी लिखा है तो स्कैन करते ही बैंक वाला नाम ही आएगा. आपकी कॉन्टैक्ट लिस्ट में भले नाम ‘बाबू-सोना’ के नाम से क्यों ना सेव हो, पेमेंट के समय बैंक का नाम ही दिखेगा. मतलब जो नाम आधार से लेकर पैन कार्ड और पासबुक में लिखा है वही स्क्रीन पर नजर आएगा.

आपको लगेगा अभी भी ऐसा ही तो होता है. होता है और नहीं भी. दरअसल कई सारे पेमेंट्स ऐप पर यूजर को अपना नाम बदलने की सुविधा मिली हुई है. माने सूर्यकांत चाहें तो सूर्या लिख लें. कई बार कॉन्टैक्ट लिस्ट में भी असली की जगह कोई और नाम होता है. क्यूआर कोड पर ऐसा करना और भी आसान है. ऐसा होने पर पेमेंट भले लिंक अकाउंट में जाती है, मगर गफलत भी होती रहती है. 

30 जून से ऐसा नहीं होने वाला. मोबाइल नंबर या UPI ID बैंक में जिस नाम से है वही नाम स्क्रीन पर नमूदार होगा. इससे फर्जीवाड़े पर लगाम लगेगी. 

30 जून से पहले 16 जून आएगा. और इस आधे महीने वाली तारीख से UPI पेमेंट की रफ्तार दोगुनी हो जाएगी. अभी प्रोसेस होने में 30 सेकंड लगते हैं. 16 जून से सिर्फ 15 सेकंड में काम फिनिश. अब मत कहना कि नाम में क्या रखा है. अब तो नाम में ही सब रखा है.

वीडियो: गलती से बॉर्डर क्रॉस कर पाकिस्तान गए BSF जवान की गर्भवती पत्नी ने PM मोदी से क्या मांग लिया?