The Lallantop

कुतुब मीनार में नमाज़ पढ़ने को लेकर केंद्र सरकार ने कहा - "ये तो स्मारक है"

"इस मस्जिद में लगातार इबादत होती थी, मगर अचानक नमाज़ क्यों बंद हुई?"

Advertisement
post-main-image
सरकार के मुताबिक मुग़ल मस्जिद एक संरक्षित स्मारक है | फाइल फोटो : आजतक

दिल्ली के कुतुबमीनार (Qutab Minar) परिसर के अंदर मौजूद मुगल मस्जिद (Mughal mosque) में नमाज पढ़ने की मांग का केंद्र सरकार ने विरोध किया है. 25 जुलाई, सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) को सरकार के वकील कीर्तिमान सिंह ने बताया कि ये मस्जिद संरक्षित स्मारक है और अभी ये मामला साकेत कोर्ट में चल रहा है.

Advertisement
'मुगल मस्जिद संरक्षित स्मारकों की लिस्ट में शामिल नहीं'

आजतक के संजय शर्मा के मुताबिक दिल्ली वक्फ बोर्ड के वकील एम सुफियान सिद्दीकी ने इसका विरोध किया. वक्फ बोर्ड ने कोर्ट को बताया कि साकेत कोर्ट में केस कुतुबुमीनार परिसर में ही मौजूद एक दूसरी मस्जिद 'कुवत उल इस्लाम मस्जिद' को लेकर है. ना कि 'मुगल मस्जिद' को लेकर. उन्होंने दलील दी कि मुगल मस्जिद संरक्षित स्मारकों की लिस्ट में शामिल नहीं है और वहां पर नमाज को रोका जाना एकतरफा, गैरकानूनी और मनमाना फैसला है. (लल्लनटॉप को और करीब से जानें)

ANI के मुताबिक, सुफियान सिद्दीकी ने ये भी कहा कि 16 अप्रैल, 1970 की अधिसूचना के तहत मुगल मस्जिद कानूनी तौर पर एक वक्फ की संपत्ति है और इसमें एक इमाम और मोअजिन भी नियुक्त किए गए हैं. सुफियान सिद्दीकी की इस दलील पर पर केंद्र सरकार के वकील ने हाईकोर्ट से आगे जिरह रखने के लिए और वक्त जाने की मांग की. दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई 12 सितंबर के लिए सुनवाई टाल दी.

Advertisement
मस्जिद को लेकर इमाम का क्या कहना है?

बता दें कि कुतुब मीनार का मामला कोर्ट पहुंचने पर मुगल मस्जिद में नमाज अदा करने पर रोक को लेकर सवाल उठने शुरू हो गए. आजतक के संजय शर्मा के मुताबिक कुतुब मीनार मस्जिद के इमाम शेर मोहम्मद का कहना है,

“इस मस्जिद में लगातार इबादत होती थी. पहले नमाज की अदायगी में कभी कोई दिक्कत नहीं आई. लगातार सिलसिला चल रहा था. मगर अचानक क्यों बंद किया, इसका जवाब ASI की तरफ से नहीं मिला. इमाम कहते हैं कि हमसे सिर्फ इतना कहा कि आपको परमिशन नहीं है.”

कुतुबमीनार मस्जिद को लेकर ASI का जवाब?

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) की तरफ से साफ किया गया है कि क्यों मस्जिद में नमाज पर रोक लगाई है. ASI के अधिकारियों का कहना है कि उनकी तरफ से इस मस्जिद में कभी नमाज की अनुमति नहीं दी गई है. मुगल मस्जिद के बारे में कोई अधिकारिक प्रमाण नहीं मिले हैं, इसलिए कोई नमाज की अनुमति नहीं है.

Advertisement

वीडियो देखें : दी लल्लनटॉप शो - ज्ञानवापी मस्जिद इतिहास पर इतिहासकारों की क्या राय?

Advertisement