खालिस्तानी नेता अमृतपाल सिंह के समर्थकों ने गुरुवार, 23 फरवरी को पंजाब में हिंसा की. मामला अमृतसर के अजनाला थाना क्षेत्र का है. आरोप थे कि अमृतपाल सिंह के कई समर्थकों ने तलवारों और बंदूकों के साथ पुलिस के बैरिकेड्स पर हमला किया. इस मामले को लेकर पंजाब पुलिस ने एक बड़ा ऐलान किया है. खबरों के मुताबिक पंजाब पुलिस शुक्रवार, 24 फरवरी को अमृतपाल सिंह के सहयोगी लवप्रीत तूफान को रिहा करेगी.
लवप्रीत तूफान को रिहा करेगी पंजाब पुलिस, अमृतपाल सिंह के समर्थकों ने दी थी धमकी
अमृतपाल के समर्थकों ने पंजाब के अमृतसर के अजनाला पुलिस स्टेशन पर हमला कर दिया था.
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इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक लवप्रीत तूफान की रिहाई का आश्वासन देने के बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को अजनाला थाना परिसर से खदेड़ दिया. जानकारी के अनुसार प्रदर्शनकारियों को पास के एक गुरुद्वारे में भेज दिया गया. इसी बीच प्रदर्शनकारियों की तरफ से कहा गया कि अगर तूफान सिंह को शुक्रवार के दिन रिहा नहीं किया गया तो वो आंदोलन के आगे की योजना बनाएंगे.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पंजाब पुलिस ने कहा है कि इस मामले की जांच के लिए एक SIT का गठन किया जाएगा. अमृतसर देहात SSP सतिंदर सिंह ने बताया,
“तूफान सिंह के समर्थकों ने 15 फरवरी को हुई एक हिंसा में तूफान की अनुपस्थिति के सबूत पेश किए हैं. इन्हीं सबूतों के आधार पर कल तूफान को रिहा किया जाएगा.”
इसी बीच अमृतपाल सिंह और उसके समर्थकों ने कहा कि तूफान सिंह के जेल से बाहर आते ही वो अपना प्रदर्शन समाप्त कर देंगे. रिपोर्ट के मुताबिक प्रदर्शनकारियों की तरफ से ये भी बताया गया कि अजनाला पुलिस थाने के बाहर विरोध प्रदर्शन और हिंसा में उनके 21 समर्थक घायल हुए हैं. यही नहीं, प्रदर्शनकारियों ने पंजाब पुलिस पर मामले में हिंसा भड़काने के आरोप भी लगाए.
मामला पंजाब के शिवसेना नेता सुधीर सूरी की हत्या से जुड़ा है. किडनैपिंग और हमले के इस केस में पंजाब पुलिस ने अमृतपाल सिंह के सहयोगी लवप्रीत तूफान और बलदेव सिंह को गिरफ्तार किया था. इन्हीं की गिरफ्तारी को लेकर अजनाला पुलिस थाने के बाहर अमृतपाल सिंह के समर्थक विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. भीड़ में अमृतपाल सिंह भी शामिल था. सूत्रों के हवाले से आई रिपोर्टों के मुताबिक, लवप्रीत की गिरफ्तारी से नाराज अमृतपाल सिंह ने उसे भी गिरफ्तार करने की मांग करना शुरू कर दिया था. उसके समर्थक भी यही मांग करने लगे. लेकिन पंजाब पुलिस ने अमृतपाल को अरेस्ट नहीं किया.
अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार करने की मांग क्यों? क्योंकि जिस केस में बलदेव और तूफान नामजद हैं, उसी केस में अमृतपाल सिंह भी नामजद है. इसमें कुल 25 लोगों के खिलाफ केस दर्ज है. इस मामले में धारा 365 (किडनैपिंग), 379-B (छिनैती), 323 (चोट पहुंचाना ) समेत कई अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया था.
कौन है अमृतपाल सिंह?29 साल का अमृतपाल सिंह ‘वारिस पंजाब दे’ नाम के संगठन को चलाता है. ‘वारिस पंजाब दे’ की कहानी दीप सिद्धू से जुड़ी हुई है. अभिनेता और एक्टिविस्ट संदीप सिंह उर्फ़ दीप सिद्धू लाल किले पर खालसा पंथ का झंडा फहराए जाने की घटना के बाद चर्चा में आए थे. 15 फ़रवरी 2022 को एक सड़क हादसे में दीप सिद्धू की मौत हो गई थी. अपनी मौत से छह महीने पहले यानी सितंबर 2021 में सिद्धू ने ‘वारिस पंजाब दे’ की नींव रखी थी.
दीप सिद्धू की मौत के बाद अमृतपाल सिंह दुबई से भारत आया और उसने इस संगठन की बागडोर संभाल ली. उसने खुद को इस संगठन का मुखिया घोषित कर दिया. जबकि पहले न तो वो दीप सिद्धू से कभी मिला था, न ही उसकी मौत के बाद वो भारत आया था.
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