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'फोन आया... मैं थाने गया', पोर्श कार हादसे के आरोपी को बचाने के आरोप पर अजित पवार के MLA क्या बोले?

Pune Porsche Crash Case में अब सियासत भी शुरू हो गई है. विपक्षी नेताओं ने अजित पवार के नेतृत्व वाली NCP के विधायक सुनील टिंगरे (NCP MLA Sunil Tingre) पर नाबालिग आरोपी को बचाने का आरोप लगाया है. इस पर अब उनकी तरफ़ से प्रतिक्रिया आई है.

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विधायक सुनील टिंगरे (बाएं). (फ़ोटो - सोशल मीडिया)

पुणे के पोर्श कार हादसे (Pune Porsche Crash Case) में नाबालिग आरोपी को कथित रूप से शराब देने वाले बार को सील कर दिया गया है. दोनों बार के मालिकों को हिरासत (Arrested For Serving Liquor to Minor) में भी लिया गया है. साथी ही आरोपी लड़के के रियल एस्टेट डेवलपर पिता विशाल अग्रवाल को औरंगाबाद से गिरफ़्तार भी (Porsche Car Accident Accused Father Arrested) कर लिया गया है. इस बीच मामले में अब राजनीति भी शुरू हो गई है. कहा जा रहा है कि आरोपी को बचाने के पीछे सियासी ताक़तें थीं. विपक्षी नेताओं के दावे थे कि अजित पवार के नेतृत्व वाली NCP के विधायक सुनील टिंगरे ने ही नाबालिग आरोपी को बचाया. साथ ही आसानी से ज़मानत दिलाई. ये भी कहा गया कि 19 मई की रात को विधायक सुनील टिंगरे येरवडा पुलिस स्टेशन में मौजूद थे और पुलिस पर दबाव बना रहे थे. अब इस मामले में सुनील टिंगरे ने सफाई दी है.

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सुनील का कहना है,

19 मई की सुबह 3 बजे कार्यकर्ताओं से सड़क दुर्घटना की ख़बर मिली. बताया गया कि मेरे निर्वाचन क्षेत्र में बड़ी दुर्घटना हुई है. इससे एक ज़िम्मेदार जन प्रतिनिधि के रूप में मैं सुबह दुर्घटनास्थल पर गया और फिर येरवडा पुलिस स्टेशन गया. पूछताछ से पता चला कि पुलिस द्वारा दुर्घटना में शामिल युवकों को अस्पताल पहुंचाया गया है.'

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विधायक ने ये भी कहा कि उनके परिचित विशाल अग्रवाल ने भी फोन कर बेटे के एक्सीडेंट के बारे में बताया.

NCP विधायक आगे बोले-

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"मैंने पुलिस इंस्पेक्टर को दोषियों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया और थाने से चला गया. मैंने पुलिस पर कोई दबाव नहीं डाला. अफ़सर निस्संदेह इसकी पुष्टि करेंगे. सोशल मीडिया पर कुछ तत्वों द्वारा शरारत की जा रही है कि मैंने इस हादसे में पुलिस पर दबाव बनाया है. इससे सार्वजनिक और राजनीतिक जीवन में मेरी बदनामी होने की संभावना है. लेकिन मैंने ऐसा कुछ नहीं किया है. मैं शुरू से ही 'नाइट लाइफ़' यानी पब, बार, टेरेस होटल, शराब बिक्री, मटका व्यवसाय, हुक्का पार्लर, कार्ड क्लब के ख़िलाफ़ हूं. मैं समय-समय पर इसे लेकर आवाज़ उठाता रहा हूं."

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सुनील टिंगरे का ये भी कहना है कि विमाननगर, कल्याणीनगर, खराडी के पॉश इलाकों में देर रात तक अवैध रूप से चलने वाले नशे के धंधों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने के लिए उन्होंने पहले ही पुलिस कमिश्नर को पत्र दिया है. बता दें कि सुनील टिंगरे वडगांव शेरी से NCP के विधायक हैं.

बता दें कि पुणे में नाबालिग आरोपी की तेज रफ्तार पोर्श कार की टक्कर के कारण बाइक पर सवार दो लोगों की मौत हो गई थी. पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लिया था, लेकिन हिरासत के लगभग 14 घंटे के अंदर कुछ शर्तों के तहत उसको बेल मिल गई. बेल की शर्तों में 15 दिनों तक ट्रैफिक पुलिस के साथ काम करना, मनोचिकित्सक से इलाज, निबंध लिखना, यातायात नियमों पर प्रेजेंटेशन देने जैसी गतिविधियां शामिल की गई हैं. इसे लेकर लोगों में काफी गुस्सा है. मृतक के परिवार का कहना है कि बिजनेस टाइकून का बेटा होने के चलते आरोपी को बेल दे दी गई.

वीडियो: गुजरात के अहमदाबाद ट्रैफिक पुलिस ने पोर्श कार का 9.8 लाख का चालान किया

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