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जेल में जांच हुई, क़ैदी ने हाथ में पकड़ा मोबाइल घोंट लिया, फिर शुरू हुई टेंशन!

कैसा दिखता है क़ैदी का सटका हुआ मोबाइल फ़ोन?

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दिल्ली की तिहाड़ जेल में कैदी ने निगला फोन (फोटो: आजतक)
दिल्ली की तिहाड़ जेल (Tihar Jail) से एक अजीब मामला सामने आया है. जेल में जांच हुई.कैदी के पास मोबाइल फ़ोन था. क़ैदी डर गया. डर से उसने मोबाइल निगल लिया. पेट में दर्द हुआ. अस्पताल गया. जांच हुई. पेट में बटन वाला मोबाइल दिखा. मोबाइल बाहर निकाला गया. क़ैदी की तबियत एकदम फ़िट. घटना से जेल प्रशासन के ऊपर भी सवाल भी खड़े हुए हैं. सवाल ये कि इतनी पाबंदियों के बावजूद कैदी कैसे मोबाइल चला रहे हैं? मामला क्या है? तिहाड़ के डीजी संदीप गोयल के अनुसार, घटना 7 जनवरी की है. जेल अधिकारियों को पता चला था कि कई कैदी जेल के अंदर मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं. इसी की जांच करने के लिए अधिकारियों ने अचानक सभी कैदियों के सेल की अचानक तलाशी लेनी शुरू कर दी. जेल नंबर 1 के कैदी को अचानक हुई इस तलाशी ने सम्हलने का मौका नहीं दिया. पकड़े जाने के डर से कैदी ने मोबाइल को निगल लिया.
नवभारत टाइम्स के मुताबिक, तलाशी अभियान का हिस्सा रह जेल वॉर्डन ने बताया कि उसने देखा कि एक कैदी कुछ छिपाने की कोशिश कर रहा है. इसपर उसे शक हुआ कि कहीं इस कैदी के पास मोबाइल तो नहीं. लेकिन जब तक वह उस कैदी के पास पहुंचकर उसके हाथ से मोबाइल फोन जब्त कर पाता, तब तक कैदी ने मोबाइल फोन को उसके सामने ही निगल गया. इसे देख कर न केवल दूसरे कैदी बल्कि जेल कर्मचारी भी सन्न रह गए. जेल अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक कैदी ने जिस फोन को सटका है, उसका साइज़ छोटा है और यह एक बटन वाला फोन है. फोन सटकने के तुरंत बाद कैदी को परेशानी शुरू हो गई. पहले उसे जेल के हॉस्पिटल में ही डॉक्टर को दिखाया गया. लेकिन हालत बिगढ़ती देख कैदी को तुरंत GB पंत अस्पताल भेजा गया.
जेल में बंद कैदी के पेट में मोबाईल की तस्वीर (साभार माइक्रोसॉफ्ट न्यूज)
एक्स-रे में दिखी कैदी के पेट में मोबाईल की तस्वीर (साभार: आज तक)


GB पंत में कैदी का एक्सरे किया गया. एक्सरे में डॉक्टरों को पता चला कि फोन कैदी के पेट के अंदर है. पहले डॉक्टरों ने कोशिश की कि बिना ऑपरेशन के ही फोन निकाल लिया जाए. लेकिन जब इसमें सफलता हासिल नहीं हुई तो 15 जनवरी को ऑपरेशन कर फोन को कैदी के पेट से बाहर निकाल लिया गया. फिलहाल कैदी की हालत ठीक है. जेल अधिकारियों के मुताबिक, इस बात की जांच की जा रही है कि कैदी के पास फोन कहां से आया? सेल ब्‍लॉकिंग टावर के बावजूद मोबाइल चला रहे कैदी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, जबसे तिहाड़ जेल में कॉल ब्लॉकिंग टॉवर लगे हैं, तब से कुछ कैदी बड़े साइज के स्मार्ट फोन नहीं इस्तेमाल कर रहे बल्कि इनकी जगह छोटे साइज के एनालॉग फोन इस्तेमाल कर रहे हैं. मतलब बटन वाले. फिलहाल यह जांच का विषय है कि क्या इन बटनदार मोबाइल फोनों को जेल के अंदर भी नेटवर्क मिल पा रहा है? वहीं जेल अधिकारियों का कहना है कि समय-समय पर चेकिंग के दौरान जेलों में कैदियों से मोबाइल फोन बरामद हो रहे हैं. केवल नए साल पर ही रोहिणी जेल में जांच के दौरान 50 मोबाइल फोन बरामद किए गए.