अतीक अहमद की हत्या के महीनों बाद उससे जुड़ा एक नया मामला सामने आया है. आरोप लग रहा है कि प्रयागराज नगर निगम ने कुत्तों को एक ब्रीडर को बेच दिया है. ये कुत्ते विदेशी नस्ल के हैं और काफी महंगे बताए जा रहे हैं. आजतक से जुड़े पंकज श्रीवास्तव की रिपोर्ट के मुताबिक अतीक के पास कुल पांच कुत्ते थे. पाचों ग्रेड डेन नस्ल के थे. इनमें से दो की मौत पहले ही हो गई थी. बचे हुए तीन कुत्तों की हालत भी खराब होती देख नगर निगम ने उनकी देखरेख की जिम्मेदारी 'रक्षक' नामक एक एनजीओ को सौंप दी थी. अब इसी संगठन की कार्यकर्ता वंशिका गुप्ता ने आरोप लगाया है कि नगर निगम ने फायदे के लिए विदेशी नस्ल के कुत्तों को बेच दिया है.
अतीक के विदेशी कुत्ते बेचकर पैसा कमा रहे अधिकारी? NGO वालों ने जो दिखाया, बवाल कट गया
अब अतीक अहमद के महंगे कुत्तों पर भी हंगामा हो रहा है
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आजतक से बात करते हुए वंशिका बताती हैं,
‘अतीक अहमद के कुत्तों की हालत काफी खराब थी. सूचना मिलने पर हमने ही उनका खयाल रखा था. उनका इलाज, खाना, देखभाल, सब हमने ही की. एक-डेढ़ महीने पहले तीनों कुत्ते गायब हो गए. हम लोग तब से इन कुत्तों को ढूंढ रहे थे. कल (20 जुलाई को) हमें पता चला कि इन कुत्तों को एक ब्रीडर को दे गया है. तो हम देखने गए. इनमें से एक कुत्ता गायब है. वो शायद मर चुका है. दो कुत्तों की हालत इतनी गंदी है, उनका पेट अंदर घुस चुका है. उन्हें खाना मिलता नहीं है. एक छोटी-सी जंजीर से बांधा हुआ है. उनके हाथ-पैर में कीड़े लग गए हैं. हालत इतनी खराब है कि अगर उन्हें नहीं बचाया गया तो वो भी मर जाएंगे.'
पशु अधिकारी और नगर निगम के अधिकारियों से मुलाकात पर वंशिका कहती हैं,
''हमारी कल पशु अधिकारी से बात हुई थी. उन्होंने हमें आज (21 जुलाई) को मीटिंग के लिए बुलाया था. आज वो छुट्टी पर हैं. हम नगर आयुक्त के यहां गए. उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है और वो पता करके बताएंगे. मुझे पूरा शक है कि नगर निगम ने इन कुत्तों को बेचा है.
इस दौरान वंशिका ने एक और अहम जानकारी दी. उन्होंने कहा,
अगर आप ब्रीडर्स को बीच में ला रहे हैं तो ये चीज़ कॉमर्शियल बन जाती है. ये बहुत महंगी नस्ल है, अगर उनका व्यापार करते हैं तो इन्हें अच्छा मुनाफ़ा होगा. आज तक नगर निगम के सारे कुत्ते एनजीओ में ही आते हैं. सालों से हमने हर कुत्ते को संभालने में मदद की है, तो इस बार कुत्तों में इन्हें ऐसा क्या फायदा दिख गया कि इन्होंने हमको इनवॉल्व करना जरूरी नहीं समझा? हम लोगों ने ही उनकी जान बचाई थी और खाना-पीना खिलाया था.'
वहीं इस मामले को लेकर नगर निगम ने कैमरे पर बात करने से मना कर दिया. हालांकि, उन्होंने इन आरोपों को झूठा बताया. अधिकारियों का कहना है कि इन कुत्तों को बेहतर देखरेख के लिए दूसरे संस्थान को सौंप दिया गया है.
क्यों मर गए दो कुत्ते?24 फरवरी को प्रयागराज में बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के चश्मदीद गवाह उमेश पाल और उनको अलॉटेड दो सरकारी गनर की हत्या कर दी गई थी. इस हत्या का आरोप माफिया अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ, बेटे और पत्नी समेत कुछ गुर्गों पर लगा. इस घटना के बाद से पूरा परिवार गायब हो गया. इसी के चलते अतीक के महंगे नस्ल के पांच कुत्तों की देखरेख नहीं हो पाई. और इस वजह से दो कुत्तों की मौत हो गई.
बता दें कि 15 अप्रैल को अतीक और उसके भाई अशरफ को मेडिकल के लिए ले जाया गया था. इस दौरान ही तीन लोगों ने गोली मारकर दोनों की हत्या कर दी थी.
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