अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को मारने के पीछे न तो कोई बड़ी साजिश थी. न कोई बड़ा मास्टरमाइंड. आजतक की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने इस केस में अपनी चार्जशीट पेश कर दी है. इसमें बताया गया है कि, दोनों के कत्ल के पीछे सनी सिंह, लवलेश तिवारी और अरुण मौर्य नाम के तीन लड़के थे. उन्होंने पूछताछ में बताया कि उन्हें उत्तरप्रदेश का माफिया बनना था. वे रातों-रातों अपराध की दुनिया में नाम बनाना चाहते थे. बस इसलिए उन्होंने अतीक और उसके भाई को मार दिया.
अतीक-अशरफ की हत्या के पीछे किसकी साजिश, SIT की चार्जशीट में क्या-क्या खुलासे हुए?
सनी, लवलेश को हथियार और पैसे किसी और को मारने के लिए मिले थे?

उत्तरप्रदेश पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) ने इस मामले में 2056 पन्नों की चार्जशीट अदालत में पेश की है. इसमें बताया गया है कि दिल्ली के गैंगस्टर जितेंद्र गोगी ने उन लड़कों को जिगाना पिस्टल और 10 लाख रुपये दिए थे. खास बात ये है कि गोगी ने उन्हें ये अतीक और अशरफ को मारने के लिए नहीं दिए थे. बल्कि अपने दुश्मन टिल्लू ताजपुरिया को मारने के लिए दिए थे.
तीनों आरोपी टिल्लू को मारते, इससे पहले ही गोगी का कत्ल हो गया. और उन्होंने रकम और हथियार हजम कर लिए. चार्जशीट में ये तो लिखा गया है कि गोगी ने ये रकम और हथियार सनी को दिए थे. लेकिन गोगी की तरफ से ये सनी को किसने दिए, ये नहीं बताया गया है.
SIT की चार्जशीट में कहा गया है कि इस मामले में 70 CCTV कैमरों की फुटेज की स्कैनिंग की गई. इसके साथ ही 150 गवाहों के बयान भी दर्ज़ किए गए हैं. आरोपियों से पूछताछ में भी यही सामने आया कि वे अतीक और अशरफ की हत्या से नाम कमाना चाहते थे. खुद सनी ने ये बात कुबूल की है.
सनी ने ये भी बताया कि उसने ही लवलेश और अरुण को इस काम के लिए राज़ी किया था. उन्हें लगता था कि इससे उनका नाम होगा. और लोग उनसे डरने लगेंगे. चार्जशीट में ये भी कहा गया कि आरोपी 13 अप्रैल को ही अतीक और अशरफ की हत्या करना चाहते थे. वे इससे पहले पेशी के दौरान भी उनकी हत्या करने की कोशिश कर चुके थे. लेकिन वहां वकीलों और पुलिस की भीड़ के बीच हत्या नहीं कर पाए.
अभी चल रही है न्यायिक जांचसनी ने पूछताछ में बताया कि गोगी से पैसे लेने के बाद उसने बहुत खरीददारी की. लवलेश और अरुण भी उसके साथ थे. कुल मिलाकर मामले में SIT ने अपनी जांच पूरी कर ली है. हालांकि, न्यायिक जांच अभी भी चल रही है. उसमें क्या निकलता है, ये देखने वाला होगा.
अतीक अहमद और अशरफ को 15 अप्रैल की रात सरेआम, टीवी कैमरों के सामने गोली मारी गई थी. वे उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी थे. वे कोर्ट के आदेश पर पुलिस कस्टडी में रह रहे थे. हत्या के समय उन्हें प्रयागराज के कॉल्विन अस्पताल से लाया जा रहा था.
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