इधर पुलिस विभाग उसकी तलाश में हलकान हो रहा है. उधर पपला लगातार सोशल मीडिया पर पुलिस को चिढ़ा रहा है. अपनी एक ताज़ा इंस्टाग्राम पोस्ट में पपला ने लिखा है कि गीदड़ जो हैं वो शेर का शिकार नहीं कर सकते. शेर उसने ख़ुद को कहा है. गीदड़ से मतलब है पपला को तलाश रही राजस्थान पुलिस के. उसके इंस्टाग्राम अकाउंट पर ऊपर की तरफ इंट्रोडक्ट्री लाइन्स की जगह पर लिखा है- यार तेरा फ़रार स जय महाकाल. पुलिस के पास अलग से साइबर सेल होती है. ये ज़िक्र बस इसलिए ताकि सनद रहे.
सोशल मीडिया पर पपला के नाम से कई अकाउंट हैं
फेसबुक, यूट्यूब, इंस्टाग्राम. सब जगह मौजूद है पपला. इनमें से कुछ पर लगातार पोस्ट्स आ रही हैं. कभी पुलिस को चुनौती देने की पोस्ट. कभी किसी लोकेशन की तस्वीर. कभी जाति के नाम की अपीलें. कभी मां के नाम से भावुक विडियो. जैसे बहुत बहादुर हो, बड़ा करामाती कोई कारनामा कर दिखाया हो. 9 सितंबर का एक विडियो है इंस्टाग्राम में. अलग-अलग तस्वीरें मिलाकर बनाए गए विडियो के बैकग्राउंड में गाना बज रहा है. गाने का भाव है कि मां, मैं जिस राह पर निकला हूं वहां से लौटने का कोई मोड़ नहीं है. इस विडियो के ऊपर स्टेटस लाइन में लिखा है- तेरी रेंज से बाहर सा लाड़ले.

ये है मां वाले विडियो का स्कीनशॉट. इतने ग्लोरिफिकेशन वाले स्टाइल में विडियो बनाया गया है कि 'संदेशे आते हैं' टाइप फील मिल जाएगा लोगों को.
मूल घटना का रिकैप
राजस्थान के अलवर ज़िले में बहरोड़ थाना है. 5 और 6 सितंबर की दरमियानी रात गश्त के दौरान पुलिस के हाथ लगा हरियाणा का एक मोस्ट वॉन्टेड अपराधी विक्रम गुर्जर उर्फ़ पपला. उसके साथी भी हाथ आए थे, मगर वो भाग गए. पुलिस को पता ही नहीं था कि उन्होंने जिसे पकड़ा है, वो पपला है. रात करीब तीन बजे से सुबह के सात बजे तक पपला थाने के लॉक-अप में बंद रहा. सुबह उसके गिरोह के लोग AK-47 चलाते हुए आए. धुआंधार गोलियां चलाईं और पपला को निकाल ले गए. उनके हमले का पुलिस के पास कोई जवाब नहीं था. एक राउंड गोली तक नहीं चला पाई पुलिस. पपला के ऊपर एक कॉन्स्टेबल के मर्डर समेत हत्या के कुल पांच मामले हैं. वसूली, किडनैपिंग, डकैती के भी कई केस हैं. दो साल पहले हरियाणा पुलिस के भी हाथ लगा था वो. मगर तब भी उसके साथी उसे भगा ले गए थे.
अब तक कितनी गिरफ़्तारियां हुई हैं?
इस मामले में दिन-रात की मेहनत के बाद पुलिस ने अब तक 16 लोगों को अरेस्ट किया है. पुलिस के मुताबिक, इनमें से चार मुख्य आरोपी हैं. कहा जा रहा है कि पपला को भगाने वालों में शामिल थे ये. मगर पपला अब तक हाथ नहीं आया.

सोशल मीडिया के तकरीबन ज़्यादातर बड़े प्लेटफॉर्म्स पर मौजूदगी है Papla Gujjar की. वो ऐक्टिव भी है. उसके नाम पर फैन पेज हैं कई. रॉबिन हुड टाइप की छवि बनाने और इसे कैश करने की कोशिश करता है वो.
जाति की राजनीति बचा रही है पपला को?
'दैनिक भास्कर' ने सूत्रों के हवाले से लिखा है. कि पपला की गिरफ़्तारी में राजनीति आड़े आ रही है.
अख़बार के मुताबिक, हरियाणा विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र कई नेता और जनप्रतिनिधि पपला की ढाल बन रहे हैं. वजह है जातीय वोट बैंक. 'दैनिक भास्कर' ने पुलिस सूत्रों के हवाले से बताया है. कि पपला धौलपुर-करौली के डांग एरिया में या नोएडा-फरीदाबाद में छुपा है. डांग में जगन गुर्जर से उसका पुराना संपर्क बताया जा रहा है. इन दोनों इलाकों में जातीय आधार पर अपराधियों को समर्थन मिलने की बात भी बताई गई है ख़बर में.
राजस्थान पुलिस पर इल्ज़ाम
इस मामले में राजस्थान पुलिस की लगातार छीछालेदर हो रही है. 'राजस्थान पत्रिका' ने 13 सितंबर की अपनी एक ख़बर में सांसद किरोड़ीलाल मीणा
के आरोपों को रिपोर्ट किया है. मीणा ने टपूकड़ा थाना पुलिस पर पपला की मदद करने का इल्ज़ाम लगाया है. उन्होंने कहा कि 60 लाख रुपये लेकर टपूकड़ा थाने की पुलिस ने बहरोड़ थाने से पपला को भगाने में मदद दी.
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