पाकिस्तान इन दिनों दो मोर्चों पर लड़ रहा है. एक तरफ पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने सिंधु जल समझौते को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया है. वहीं, दूसरी तरफ पाकिस्तान के दक्षिणी प्रांत सिंध में पानी को लेकर हाय-तौबा मची हुई है. अवाम सड़कों पर उतर आई है. कई जिलों से बड़े प्रदर्शन की खबरें आई हैं, जिसमें पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में भी लिया है.
पाकिस्तान में पानी को लेकर सड़कों पर उतरे लोग, सिंध प्रांत में बड़ा आंदोलन शुरू हो गया
Pakistan Sindh Protest: पाकिस्तान के दक्षिणी प्रांत सिंध में पानी को लेकर हाय-तौबा मची हुई है. लोग सड़कों पर हैं. वकीलों, नागरिक समाज समूहों से लेकर राजनीतिक दलों द्वारा जमकर विरोध किया जा रहा है. लेकिन इस आंदोलन के पीछे की वजह क्या है?
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आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, पूरा मामला ‘चोलिस्तान नहर परियोजना’ से जुड़ा हुआ है. जो सेना समर्थित ग्रीन पाकिस्तान इनिशिएटिव (GPI) का हिस्सा है. इस प्रोजेक्ट के तहत सिंध में 6 नहरें बननी हैं. पांच सिंधु से और एक सतलुज से. प्रदर्शनकारियों का मानना है कि इस योजना के तहत सिंध को कम पानी मिलेगा. सिंध को पहले से ही अपने आवंटित हिस्से से 20% कम पानी मिलता है और रबी सीजन में ये कमी 45% तक पहुंच गई. एक्सपर्ट्स का मानना है कि सिंध को डर है कि चोलिस्तान रेगिस्तान में इस प्रोजेक्ट से पानी का बहाव तेज हो जाएगा. जिससे समुद्र का पानी सिंध डेल्टा में घुसेगा. इससे मिट्टी में लवणता बढ़ेगी. मिट्टी में लवणता (नमक की मात्रा) यानी फसल खत्म. इसलिए वकीलों, नागरिक समाज समूहों से लेकर राजनीतिक दलों द्वारा जमकर विरोध किया जा रहा है.
रिपोर्ट के मुताबिक, इस परियोजना का उद्घाटन फरवरी 2025 में हुआ था. इसे पंजाब, सिंध और बलूचिस्तान में 4.8 मिलियन एकड़ बंजर भूमि की सिंचाई के लिए लाया गया था. यह क्षेत्र गोवा के आकार से आठ गुना बड़ा है. इसकी लागत 3.3 अरब डॉलर बताई गई.
आंदोलन में JUI-F पार्टी शामिलइस प्रदर्शन ने तब और बड़ा रूप ले लिया, जब फजल-उर-रहमान की पार्टी जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (JUI-F) के विरोध प्रदर्शन में शामिल हो गया. JUI-F सिंध के महासचिव राशिद महमूद सूमरो ने भीड़ को संबोधित करते हुए कहा,
अगर ये लातों के भूत बातों से नहीं मानते और कल मेरी जमात इस्लामाबाद मार्च का एलान किया तो कौन कौन चलेगा? रावलपिंडी चलना पड़ा चलोगे? लाहौर चलना पड़ा चलोगे? बॉर्डर बंद करना पड़ा बंद करोगे?
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PPP ने प्रोजेक्ट से खुद को दूर कियावहीं, दूसरी तरफ पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) ने भी इस प्रोजेक्ट को लेकर अपने हाथ खड़े कर लिए है. इससे पहले तक उन्होंने इस प्रोजक्ट का समर्थन किया था. क्योंकि PPP का सत्तारूढ़ सरकार के साथ गठबंधन है. हालांकि, अब बढ़ते विरोध प्रदर्शन के चलते PPP ने भी इस प्रोजेक्ट से किनारा कर लिया है. PPP के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने 18 अप्रैल को द एक्सप्रेस ट्रिब्यून से कहा था,
सिंध के लोगों ने नहर परियोजनाओं को खारिज कर दिया है, फिर भी इस्लामाबाद में बैठे लोग हमारी आवाजों के प्रति अंधे-बहरे बने हुए हैं.
भारत द्वारा सिंधु जल संधि को स्थगित करने के फैसले को लेकर उन्होंने कहा,
सिंधु जल संधि पर भारत की घोषणा न सिर्फ अवैध थी, बल्कि मानवता के खिलाफ थी... जब तक PPP मौजूद है, सिंध के पानी की एक भी बूंद नहीं दी जाएगी.
भारत की तरफ से सिंधु जल संधि पर रोक और लगातार पाकिस्तानी अवाम द्वारा विरोध के बाद, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने 24 अप्रैल को आम सहमति बनने तक नहर निर्माण को स्थगित करने की घोषणा की. हालांकि, प्रदर्शनकारियों का विरोध प्रदर्शन जारी है.
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