पाकिस्तान की ओर से ये प्रेस कॉन्फ्रेंस तब की गई है, जब पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ये कह दिया है कि अगर सबूत मिलते हैं, तो वो आतंकी संगठनों के खिलाफ सख्त ऐक्शन लेगा. भारत की ओर से पुलवामा हमले के सबूत पाकिस्तान को सौंपे जा चुके हैं. पाकिस्तान को दिए गए डॉजियर में भारत ने जिन आतंकियों के नाम लिखे थे, उनमें अब्दुल रऊफ असगर का भी नाम शामिल था. इसके बाद अब्दुल रऊफ असगर समेत 44 लोगों को हिरासत में लिया गया है. हालांकि पाकिस्तान के गृहमंत्रालय के सचिव ने ये भी कहा है कि हिरासत में लिए गए 44 लोगों के खिलाफ अगर सबूत नहीं मिलते हैं, तो सभी को रिहा कर दिया जाएगा.

पाकिस्तान की ओर से जारी प्रेस रीलीज़.
44 आतंकियों की हिरासत को भारत अपनी कूटनीतिक जीत बता रहा है. वहीं पाकिस्तान का दावा है कि उसने भारत के दबाव में आकर सभी 44 के खिलाफ ऐक्शन नहीं लिया है, बल्कि ये फैसला पाकिस्तान की नेशनल ऐक्शन प्लान कमिटी का है. इसको लेकर पाकिस्तान की ओर से एक प्रेस रीलीज़ भी जारी की गई है. इसमें कहा गया है कि पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में 4 मार्च को एक हाई लेवल मीटिंग हुई थी. इस मीटिंग में नेशनल ऐक्शन प्लान को पूरा करने का फैसला हुआ और बैठक में सभी राज्यों की सरकारों के प्रमुख शामिल थे. इसी में फैसला हुआ कि 44 लोगों को हिरासत में लिया जाएगा, जिनमें मुफ्ती अब्दुल रऊफ और हमद अज़हर भी शामिल है.
अब पाकिस्तान भले ही दावा करे कि उसने खुद से फैसला लिया है कि आतंकी संगठनों पर ऐक्शन लिया जाएगा. लेकिन सच तो ये है कि ये भारत का दबाव है. इतना ही नहीं, ये जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठन को बचाने की एक कवायद भी हो सकती है. पाकिस्तान को डर ये भी होगा कि भारत बालाकोट में एयर स्ट्राइक कर सकता है, तो वो बहावलपुर में भी एयर स्ट्राइक कर सकता है. और ऐसे में अब्दुल रऊफ और उसके जैसे लोगों के लिए पाकिस्तानी मिलिट्री की हिरासत से ज्यादा सुरक्षित जगह और कोई नहीं होगी.
कौन है मुफ्ती अब्दुल रऊफ?

अब्दुल रऊफ ने भारत में कई आतंकी हमले किए हैं.
मुफ्ती अब्दुल रऊफ मौलाना मसूद अज़हर का छोटा भाई है. आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का मुखिया भले ही मसूद अज़हर है, लेकिन उसे चलाने की जिम्मेदारी फिलहाल अब्दुल रऊफ पर ही है. अब्दुल रऊफ भारत में कई आतंकी हमले करने का आरोपी है. इतना ही नहीं, 1999 में इंडियन एयरलाइंस की जिस IC814 का अपहपण हुआ था, उसका मास्टरमाइंड भी यही अब्दुल रऊफ था. इसके अलावा 2001 में संसद पर हुए हमले में भी इसी का हाथ था. पठानकोट एयरबेस पर हमला हो या फिर पुलवामा में हुआ आतंकी हमला, सबमें अब्दुल रऊफ का ही हाथ है. भारत की सुरक्षा एजेंसी एनआईने रऊफ के खिलाफ भारतीय अदालतों में चार्जशीट भी दाखिल किया है. माना जाता है कि वो अपने भाई मसूद अज़हर के साथ बहावलपुर में रहता है.
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