बिहार (Bihar) के मोतिहारी में जहरीली शराब पीने के कारण 35 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है. इसके बाद राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने जहरीली शराब पीने से मरने वाले लोगों के परिवार के लिए मुआवजे का ऐलान किया है. उन्होंने कहा है कि ऐसे परिवार को मुख्यमंत्री राहत कोष से 4 लाख रुपये की मदद राशि मुहैया कराई जाएगी. इससे पहले दिसंबर, 2022 में जहरीली शराब पीने से छपरा में 60 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी. तब नीतीश कुमार ने मुआवजा देने से साफ इनकार कर दिया था. ऐसा कहा जा रहा है कि नीतीश ने ये ऐलान चुनावों को ध्यान में रखते हुए किया है.
"जहरीली शराब पिएगा तो मरेगा"- कहने वाले नीतीश अब मुआवजा देने की बात क्यों कर रहे हैं?
चार महीने में ऐसा क्या हो गया जो नीतीश ने 4-4 लाख रुपये देने की बात कही है.

जब विपक्ष ने मृतकों के घरवालों को मुआवजा देने की मांग की थी, तब CM नीतीश कुमार ने विधानसभा में इसका विरोध किया था. उन्होंने विधानसभा में कहा था कि जहरीली शराब से मौत होने पर किसी को भी मुआवजा नहीं दिया जाएगा. CM नीतीश कुमार ने बिहार विधानसभा में कहा था,
“कुछ आदमी को क्या करिएगा? कुछ लोग गलती करते ही हैं. जो शराब पिएगा, वो तो मरेगा ही.”
आजतक के रोहित कुमार सिंह की रिपोर्ट के मुताबिक, अब चार महीने बाद ही CM नीतीश कुमार ने यूटर्न ले लिया है. CM ने कहा है कि 2016 से जहरीली शराब के कारण मरने वालों के परिवार को 4-4 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा, लेकिन इसके लिए एक शर्त भी रखी गई है.
मुआवजा मिलेगा, लेकिन एक शर्त हैनीतीश कुमार ने कहा है कि मृतक के परिजनों को मुआवजा तभी दिया जाएगा, जब घरवाले जिलाधिकारी को लिखित रूप में देंगे कि अवैध शराब पीने से उनके परिजन की मौत हुई है. साथ ही उन्हें उस सोर्स का भी खुलासा करना होगा, जहां से शराब खरीदी गई.
CM नीतीश ने कहा,
“मैं जानता हूं कि इस घटना में मरने वाले ज्यादातर लोग आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के हैं. हमारे सभी प्रयासों के बावजूद, राज्य में इस तरह की घटनाएं हो रही हैं और लोग नकली शराब पीने के कारण जान गंवा रहे हैं.”
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार में शराबबंदी के बाद 2021 तक जहरीली शराब पीने से 200 लोगों की मौत हुई. हालांकि, सरकारी आंकड़े कुछ और हैं. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के डेटा के मुताबिक, इस दौरान इस वजह से केवल 23 लोगों की जान गई है. एक्सप्रेस ने अलग-अलग घटनाओं का विश्लेषण कर आंकड़े जुटाए थे. अगर 2022 में हुई घटनाओं को जोड़ लें, तो अब तक ऐसी घटनाओं में 300 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं.
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