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भारत के बाद तालिबान भी रोकेगा पाकिस्तान का पानी, कुनार नदी का रास्ता बदलने की तैयारी

Kunar River पाकिस्तान में बहने वाली सबसे बड़ी नदियों में से एक है और Indus नदी की तरह, यह भी सिंचाई, पीने के पानी और हाइड्रो-इलेक्ट्रिक बिजली पैदा करने का एक मुख्य स्रोत है. खैबर पख्तूनख्वा के दूरदराज के क्षेत्रों के लिए ये नदी एक लाइफलाइन का काम करती है. ऐसे में Taliban का ये कदम Shehbaz Sharif और Asim Munir

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कुनार नदी के पानी को लेकर तालिबान और पाकिस्तान में तनाव बढ़ सकता है (PHOTO-AajTak, Wikipedia)

पहलगाम हमले के बाद भारत ने सिंधु जल समझौते (Indus Water Treaty) से हाथ खींच लिए. और अब पाकिस्तान के दूसरे पड़ोसी अफगानिस्तान (Afghanistan Pakistan Conflict) ने भी कुनार नदी (Kunar River) का पानी रोकने का ऐलान किया है. तालिबान (Taliban) की सरकार ने फैसला किया है कि कुनार के पानी को नंगरहार क्षेत्र में डायवर्ट किया जाए. अगर ऐसा हुआ तो इससे पाकिस्तान (Pakistan) के खैबर पख्तूनख्वा (Khyber Pakhtunkhwa) में जाने वाले पानी के फ्लो में कमी आ सकती है. 

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पानी की कमी की वजह से लिया फैसला

अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के मुताबिक जब यह प्रोजेक्ट लागू हो जाएगा, तो इससे अफगानिस्तान के नंगरहार में कई खेती की जमीनों में पानी की कमी की समस्या हल हो जाएगी. हालांकि नंगरहार की ओर पानी मोड़ने की वजह से पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में पानी के बहाव पर असर पड़ेगा. द काबुल ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक प्रधानमंत्री कार्यालय के आर्थिक आयोग की टेक्निकल कमेटी की एक मीटिंग में चर्चा के बाद कुनार नदी से नंगरहार में दारुंटा बांध तक पानी ट्रांसफर करने के प्रस्ताव पर मुहर लग गई. अब इसे आखिरी फैसले के लिए आर्थिक आयोग के पास भेज दिया गया है.

कुनार नदी की बात करें तो ये लगभग 500 किलोमीटर लंबी है. इसकी शुरुआत पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में चित्राल से होती है. इसके बाद ये नदी अफगानिस्तान के कुनार और नंगरहार प्रांत में बहते हुए काबुल नदी में मिल जाती है. तीसरी नदी, पेच के पानी से मिलकर ये नदियां फिर पूर्व की ओर पाकिस्तान में मुड़ जाती हैं और वहां के पंजाब प्रांत में अटक शहर के पास सिंधु नदी में मिल जाती हैं. यानी ये कई नदियों से मिलकर बना वॉटर सिस्टम है. यह नदी पाकिस्तान में बहने वाली सबसे बड़ी नदियों में से एक है और सिंधु नदी की तरह, यह भी सिंचाई, पीने के पानी और हाइड्रोइलेक्ट्रिक बिजली पैदा करने का एक मुख्य स्रोत है. खैबर पख्तूनख्वा के दूरदराज के क्षेत्रों के लिए ये नदी एक लाइफलाइन का काम करती है.

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(यह भी पढ़ें: 'PAK के आतंकवाद छोड़ने तक सिंधु जल संधि लागू नहीं...', भारत ने खारिज किया इस कोर्ट का फैसला)

अगर अफगानिस्तान कुनार नदी के पाकिस्तान में घुसने से पहले उस पर बांध बनाता है, तो इससे पाकिस्तान को सिंचाई, पीने के पानी की सप्लाई और हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट्स के लिए पानी मिलने में दिक्कत हो सकती है. और ये ऐसे समय में होगा जब भारत द्वारा पहले से ही सिंधु नदी के पानी की सप्लाई रोकने से लोग परेशान हैं.

वीडियो: दुनियादारी: अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच होगी जंग?

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