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गुजरात में SIR की ड्राफ्ट लिस्ट जारी, 73 लाख से ज्यादा वोटर कटे, तमिलनाडु में लगभग एक करोड़

निर्वाचन आयोग ने अभी ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी की है. मतदाता अभी इस लिस्ट से नाम कटने पर आपत्ति दर्ज करा सकते हैं.

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12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में SIR चल रहा है. (सांकेतिक तस्वीर- India Today)

चुनाव आयोग के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के तहत गुजरात में 70 लाख और तमिलनाडु में 97 लाख से ज्यादा मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से हटा दिए गए हैं. गुजरात में पहले कुल 5.08 करोड़ मतदाता दर्ज थे. लेकिन नई सूची में 4.34 करोड़ मतदाता ही शामिल हैं. ड्राफ्ट सूची जारी होने के बाद अब मतदाता 18 जनवरी 2026 तक आपत्ति और दावे दर्ज करा सकते हैं. इन आपत्तियों और दावों का निपटारा चुनाव अधिकारी 10 फरवरी 2026 तक करेंगे.

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SIR से पहले गुजरात में कुल 5 करोड़ 8 लाख 43 हजार 436 रजिस्टर्ड मतदाता थे. नई ड्राफ्ट मतदाता सूची जारी होने के बाद यह संख्या घटकर 4 करोड़ 34 लाख 70 हजार 109 रह गई. यानी SIR अभियान के दौरान कुल 73 लाख 73 हजार 327 मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए हैं.

चुनाव आयोग ने बताया कि हटाए गए मतदाताओं में से, 

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- 18 लाख 7,278 मृत, 
- 9 लाख 69 हजार 662 गायब, 
- 40 लाख 25 हजार 553 स्थायी रूप से दूसरे राज्यों में विस्थापित,
- और 3 लाख 81 हजार 470 मतदाता दो जगह दर्ज थे. 

इनके अलावा 1 लाख 89 हजार 364 वोटर अन्य वजहों से लिस्ट से बाहर हो गए.

अब नज़र तमिलनाडु की वोटर लिस्ट पर, जहां गुजरात से भी ज्यादा मतदाता कम हो गए हैं. तमिलनाडु में जिला निर्वाचन आयोग द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, SIR प्रक्रिया के दौरान ड्राफ्ट वोटर लिस्ट से कुल 97 लाख मतदाताओं के नाम हटाए गए. इन हटाए गए नामों में, 

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- 26 लाख 94 हजार 672 मतदाता मृत, 
- 66 लाख 44 हजार 881 मतदाता शिफ्ट, 
- और 3 लाख 39हजार 278 मतदाता ऐसे पाए गए जिनके नाम एक से अधिक जगह दर्ज थे.

SIR प्रक्रिया के बाद तमिलनाडु में कुल 5.43 करोड़ मतदाता रह गए हैं. इनमें 2.66 करोड़ पुरुष, 2.77 करोड़ महिलाएं और 7,191 ट्रांसजेंडर मतदाता शामिल हैं. इससे पहले, 27 अक्टूबर 2025 तक राज्य में कुल 6.41 करोड़ मतदाता दर्ज थे.

चेन्नई में SIR की ड्राफ्ट लिस्ट में 14.25 लाख मतदाताओं के नाम हटाए गए, जिससे कुल मतदाताओं की संख्या 40.04 लाख से घटकर 25.79 लाख रह गई. सूची से हटाए गए लोगों में 1.56 लाख की मौत हो चुकी है. 27 हजार 323 ऐसे हैं जो दिए गए पते पर नहीं मिले. 12.22 लाख मतदाता दूसरी जगह शिफ्ट हो चुके हैं. और 18,772 दोहरी वोटिंग के मामले शामिल हैं.

बता दें कि भारत निर्वाचन आयोग ने गुजरात सहित पांच राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में SIR के लिए दस्तावेज़ जमा करने की समय-सीमा एक सप्ताह के लिए बढ़ा दी थी.

वीडियो: दी लल्लनटॉप शो: SIR की डेडलाइन चुनाव आयोग क्यों बढ़ा रहा?

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